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जियो और जीने दो का संदेश देने वाले भगवान श्री महावीर स्वामी का निर्वाणोत्सव शुक्रवार को बड़े धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। भगवान महावीर स्वामी के मोक्ष कल्याणक पर्व पर जैन मंदिरों में धार्मिक आयोजन हुए। भगवान का अभिषेक, शांति धारा, पूजा अर्चना कर नि
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भगवान महावीर स्वामी का निर्वाणोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। जैन मंदिरों में धार्मिक आयोजन हुए, भगवान का अभिषेक, शांति धारा, पूजा अर्चना और निर्माण लाडू चढ़ाया गया। यह पर्व कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है, जो इस बार दीपावली के एक दिन बाद पड़ा।
जैन समाज के लोगों ने बड़ी संख्या में मंदिरों में भगवान की विशेष पूजा अर्चना की। भगवान महावीर स्वामी को निर्माण लाडू चढ़ाया गया और श्रद्धालु भगवान की भक्ति में डूबे नजर आए। भगवान की भक्ति करते हुए भक्तो ने जयकारों के साथ मोक्ष कल्याणक अर्घ चढ़ाया। श्री शांतिनाथ जिनालय सर्राफ जी के मंदिर में पाठशाला के बच्चों के द्वारा विशेष पूजन अर्चन की गई। इस मौके पर छोटे बच्चों का सम्मान किया गया।

भगवान महावीर स्वामी का निवार्ण पर्व मनाया।
मंदिर में हुए धार्मिक आयोजन
शीतल धाम जैन मंदिर के अध्यक्ष सचिन जैन ने बताया कि 24वें तीर्थकर भगवान महावीर स्वामी को मोक्ष की प्राप्ति के उपलक्ष्य में मोक्ष कल्याणक पर्व मनाया जाता है। आज भगवान महावीर स्वामी 2551वां मोक्ष कल्याणक पर्व है। इसको लेकर विदिशा के जैन मंदिर में विशेष तैयारी की गई थी मंदिरों में धार्मिक आयोजन हुए भगवान का अभिषेक शांति धारा नित्य पूजन के साथ ही भगवान महावीर स्वामी का मोक्ष कल्याण पर मनाया गया।
हर साल कार्तिक माह की अमावस्या के दिन यानी दीपावली पर ही महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस मनाया जाता है, लेकिन इस बार तिथियों में उतार चढ़ाव के कारण दीपावली के एक दिन बाद यानी आज 1 नवंबर को भगवान महावीर स्वामी का निर्वाणोत्सव मनाया गया।

भगवान महावीर स्वामी को निवार्ण लाडू चढ़ाया
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