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इस दीपावली,इंदौर शहर में रंगोली बनाने के लिए लगभग 50 से ज्यादा नए रंग उपलब्ध हैं। ये रंग मार्बल और चावल से बने हैं, और इनसे सुंदर रंगोली बनाने के लिए बाजार में विशेष टूल्स भी उपलब्ध हैं।
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खास तौर पर, 250 से 300 विभिन्न डिजाइन और आकारों की छलनियां खरीदारों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। इनमें फूल-पत्तियों, बेल-बूटों और देवी-देवताओं की आकृतियों वाली छलनियां भी शामिल हैं।
आर्टिस्टिक रंगोली का क्रेज बढ़ रहा
रंगोली कारोबारी पीयूष और देविका लूधाते के अनुसार, शहर में चूड़ी के साइज से लेकर 2 फीट तक की रंगोली छलनियां उपलब्ध हैं, जिनकी कीमत 10 से 200 रुपए तक है। पिछले कुछ वर्षों में आर्टिस्टिक रंगोली का क्रेज बढ़ा है, जिससे ग्राहक सामान्य रंगोली के साथ-साथ भूसा, बुरादा और स्टोन भी खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं। रंगोली में इस्तेमाल होने वाले रंगीन स्टोन और भूसा की कीमत 40 रुपए प्रति किलो है, जबकि धान का छिलका 50 रुपए प्रति किलो बिक रहा है।
पांच रंगों से बना सकते हैं सैकड़ों कलर, जानिए कैसे…
रंगोली आर्टिस्ट प्राची शर्मा ने बताया कि लाल, नीला, पीला, सफेद और काला रंग मिलाकर कई नए रंग बनाए जा सकते हैं। प्राइमरी कलर्स का उपयोग करके विभिन्न रंगों का मिश्रण किया जा सकता है, जिससे 12 से अधिक रंग बनते हैं। किसी भी कलर को लाइट करना है तो उसमें सफेद रंगोली मिलाएं।

रंगोली के रोचक तथ्य
– रंगोली बनाते समय उंगली और अंगूठा मिलने से जो मुद्रा बनती है उसे ज्ञानमुद्रा कहते हैं। यह मस्तिष्क को ऊर्जावान और सक्रिय बनाने के साथ-साथ बौद्धिक विकास करती है।
– एक्यूप्रेशर के लिहाज से भी यह मुद्रा प्रभावी है और ब्लड प्रेशर संतुलित रखती है। रंगों की ऊर्जा का असर भी होता है।
कई डिजाइन के दीयों से सजा बाजार
इस साल बाजार में विभिन्न डिजाइन के दीयों की भी भरमार है। मिट्टी और टेराकोटा से बने दीयों के बीच कुछ खास दीपक ज्योतिष की सलाह से तैयार किए गए हैं, जो व्यापार में लाभ और परिवार के स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।

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