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बिजली कंपनी ने दिवाली के पहले 35 आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया है। यह सभी दस सालों से कंपनी में अपनी सेवाएं दे रहे थे। नौकरी से निकाले जाने के बाद कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र ही उन्हें काम पर वापस नहीं लिया गया तो धरना-प्रदर
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मध्यप्रदेश मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड हटाए गए कर्मचारियों ने पूरे मामले को आउटसोर्स कंपनी व विद्युत महाप्रबंधक गुना की मिलीभगत करार दिया है। जनता यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष नरेन्द्र भदौरिया ने इन सभी कर्मचारियों को अविलंब वापस काम पर लेने की मांग की है। कर्मचारी वर्ष 2015 से विद्युत कंपनी गुना में सेवाएं दे रहे थे। उनमें से 35 कर्मचारियों को अभी हाल ही में अचानक बिना कोई सूचना दिए हटा दिया गया है,जिसके पीछे कारण कंपनी को मैन पावर उपलब्ध कराने वाली कंपनी बदल जाना बताया जाता है। यह जानकारी विद्युत कंपनी महा प्रबंधक ने श्रम पदाधिकारी को लिखे एक पत्र में दी है। इसमें बताया गया है कि उक्त कर्मचारियों को क्रिस्टल इंटीग्रेटेड सर्विसेज प्रायवेट लिमिटेड मुंबई द्वारा कंपनी में भेजा गया था, लेकिन अब यह कार्य प्रायमरी वर्क फोर्स सर्विसेज भोपाल ने संभाल लिया है, जिसके द्वारा पूर्व से कार्यरत इन 35 कर्मचारियों को ड्यूटी पर नहीं रखा गया है।
इसी पर से कर्मचारी नेता नरेन्द्र सिंह भदौरिया ने दीपावली के पहले बगैर सूचना के 35 कर्मचारियों को हटाए जाने पर आक्रोश जताते हुए इसे श्रम कानून का उल्लंघन करार दिया है। उन्होंने पूरे मामले को महाप्रबंधक व संबंधित कंपनी की मिली भगत करार देते हुए कहा है कि संबंधित कर्मचारियों को वाकायदा चिन्हित कर हटाया गया है, जबकि अभी हाल ही में कंपनी में कई नए कर्मचारियों की भर्ती की गई है। उन्होंने हटाए गए सभी कर्मचारियों को वापस ड्यूटी पर लेने, अन्यथा की स्थिति में धरना प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है।
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