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Chhatarpur: Allegation On Phe Department – Illegal Payment Of Rs 1.5 Crore In The Works Of Jaljeevan Mission – Amar Ujala Hindi News Live

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Chhatarpur: Allegation on PHE department - illegal payment of Rs 1.5 crore in the works of Jaljeevan Mission

छतरपुर के कई गांवों में बिना काम के ही भुगतान कर दिया गया।
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार


प्यासे कंठों तक पानी पहुंचाने की अहम जिम्मेदारी निभाने वाले लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने छतरपुर में चौंकाने वाला काम किया है। विभाग के कार्यपालन यंत्री संजय कुमरे और लवकुशनगर एसडीओ सियाराम वर्मा ने मिलकर जलजीवन मिशन के अंतर्गत संचालित होने वाली नल-जल योजनाओं के कार्यों में लगभग डेढ़ करोड़ रुपए का अवैध भुगतान करा दिया। यह भुगतान मुरैना की आर्यन कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम पर किया गया है जिसने गौरिहार विकासखण्ड के एक दर्जन से ज्यादा ग्रामों में बगैर काम किए ही यह भुगतान उठा लिया।

मामले का खुलासा तब हुआ जब नल-जल योजना के अंतर्गत चल रहे इन कार्यों की जांच अधीक्षण यंत्री कार्यालय पन्ना द्वारा कराई गई। जांच करने वाले अधीक्षण यंत्री ने अपनी जांच रिपोर्ट में जो तथ्य दिए हैं वह चौकाने वाले हैं। इस रिपोर्ट में पाया गया है कि गौरिहार विकासखंड के एक दर्जन से ज्यादा गांव में नल-जल योजना के अंतर्गत आर्यन कंस्ट्रक्शन कंपनी को नवंबर 2021 में चार निविदा अनुबंधों के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में नल-जल योजना के अंतर्गत पाइप लाइन डालने का काम दिया गया था। 

जांच रिपोर्ट बताती है कि ग्राम बजरंगपुर, बनियानी, चौहानी, खुडेरी, लौसी, केवलाहा, कुंवरपुर, मिश्रनपुरवा, भानपुरा, कीरतपुर, बेहनपुर, पड़रिया, बहादुरपुर, गोविंदपुर, प्रतापपुर, निधवापुखारी, बरूआ, तेलंगपुर, रजौरा, मोतीपुरवा, क्योटी, जोगा, धरमपुर के अंतर्गत किए गए पाइप लाइन बिछाने, मुरूम फिलिंग, सीसी निर्माण सहित अन्य कार्यों में एक करोड़ 38 लाख 55 हजार 907 रुपए का अवैध भुगतान करा लिया गया। यह भुगतान जिन कार्यों के एवज में कराया गया वे कार्य जमीन पर हुए ही नहीं। इतना ही नहीं कई कार्यों की माप पुस्तिका में दर्ज नहीं की गई और सीधे देयक बनाकर भुगतान कर दिया गया।

60 दिन से जांच को दबाए बैठे वरिष्ठ अधिकारी

चौंकाने वाला मामला है कि छतरपुर जिले में हुए इस बड़े घोटाले की जांच अधीक्षण यंत्री स्तर के अधिकारी द्वारा की गई और पन्ना अधीक्षण यंत्री की यह जांच रिपोर्ट 30 अगस्त 2024 को मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ग्वालियर को भेजी गई थी। लगभग 60 दिन का समय गुजरने के बाद भी इस मामले में विभाग ने एसडीओ सियाराम वर्मा और कार्यपालन यंत्री संजय कुमरे व आर्यन कंस्ट्रक्शन के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया।

करोड़ों के घोटाले में हो सकती है एफआईआर

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार के क्षेत्र में पीएचई विभाग के संरक्षण में आर्यन कंस्ट्रक्शन द्वारा किया गया यह बड़ा घोटाला सिलसिलेवार तरीके से सामने आया है। फिलहाल इस मामले से जुड़े कई और तथ्य हैं जो धीरे-धीरे सामने आएंगे। यदि अधीक्षण यंत्री की जांच रिपोर्ट पर ईमानदारी से कार्यवाही हुई तो इस मामले में सियाराम वर्मा, कार्यपालन यंत्री संजय कुमरे और आर्यन कंस्ट्रक्शन के विरुद्ध शासकीय राशि के गबन का मुकदमा दर्ज हो सकता है।

इनका कहना है..

इस मामले में जो तथ्य सामने आए हैं एवं जो जांच रिपोर्ट मुझे भेजी गई है उसके आधार पर कार्यपालन यंत्री और सहायक यंत्री को आरोप पत्र भेजकर जवाब मांगा गया है। दिवाली के बाद जवाब प्रस्तुत करेंगे। विभाग इस मामले में ईमानदारी से कार्रवाई करेगा।

-एसएच मौर्या, मुख्य अभियंता, पीएचई, ग्वालियर

मुझ पर जो आरोप लगाए गए हैं उन सभी आरोपों को जवाब में अपने वरिष्ठ कार्यालय को लिखित में दूंगा। जो भी जांच अधीक्षण यंत्री द्वारा की गई है वह मेरी उपस्थिति में नहीं हुई है इसलिए मैं उससे सहमत नहीं हूं। घोटाले जैसी कोई बात नहीं है।

-संजय कुमरे, कार्यपालन यंत्री, पीएचई, छतरपुर

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