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महुपुरा रपट और छोटा चौक पर सजे बाजार
शाजापुर में दीपावली की तैयारी के लिए बाजार में रौनक बढ़ने लगी है। बाजार में दुकानें सज चुकी हैं और लोग खरीदारी कर रहे हैं। घर-आंगन के साथ पशुओं को सजाने की सामग्री की दुकानें भी लग गई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में दीपावली और गोवर्धन पूजा पर पशुओं को सजा
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मोरपंख से बनाई गई ज्यादातर सामग्री
शाजापुर शहर के महुपुरा रपट, छोटा चौक, नई सड़क, और शहरी हाईवे पर सजे बाजार में इन्हीं सामग्री की अस्थायी दुकानें लगी हैं। अन्य ग्रामों से ग्रामीण पशुओं को सजाने की सामग्री बेचने पहुंचे हैं, जो पूरी तरह से स्वदेशी है। ग्रामीणों ने हाथों से मोरपंख और अन्य वस्तुओं के माध्यम से इन्हें तैयार किया है।
इनमें ज्यादातर सामग्री मोरपंख से बनाई गई है, जैसे गले के हार, गाय की छड़ी, सिर पर बांधने की मोड, भैंस के गले के टोकरे, माला, बकरा-बकरी के लिए गले की घटियां, पायल, लगाम, मोहरी, बैलों की नाथ, नजरबंद, भंवरकली, पैरों के घुंघरू, रस्सी और चेन शामिल हैं।
घर-आंगन को सजाने के लिए रंगोली
धनतेरस के साथ ही दीप पर्व की शुरुआत होगी। घर-आंगन को सजाने के लिए रंगोली बनाई जाएगी। इसे लेकर नगर सहित ग्रामीण अंचल की महिलाओं और युवतियों द्वारा रंगोली के रंग खरीदे जा रहे हैं, जिनकी मार्केट में दुकानों पर उपलब्धता है।
दीपावली पर्व के लिए हर साल बाहर से आने वाले व्यापारियों के इसी कारोबार से घर-गृहस्थी चलती है। चारपहिया वाहनों को सजाने की सामग्री से सजी दुकानों पर लोग खरीदारी करने के लिए पहुंच रहे हैं। लोग ट्रक, कार, जीप, ट्रैक्टर, और पिकअप जैसे वाहनों को सजाकर पूजा करते हैं। इसी के चलते ग्रामीण अंचल से आने वाले लोग दुकानों पर वाहनों को सजाने के लिए सामग्री खरीदने पहुंच रहे हैं।
इस तरह मनाया जाएगा दीपोत्सव
मां राजराजेश्वरी मंदिर के पुजारी सुनील नागर ने बताया कि धनतेरस पर्व 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन से दीपोत्सव की शुरुआत होगी। इसके अगले दिन 30 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी, जिसे रूप चौदस भी कहते हैं। वही 31 अक्टूबर को महा दीपावली पर्व मनाया जाएगा। 1 नवंबर को अमावस्या है, उसके बाद पड़वा और गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को मनाई जाएगी। 5 नवंबर को भाई दूज का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा।

व्यापारीयों ने मोरपंख से बनाए गले के हार और गाय की छड़ी
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