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स्किन डिजीज से जान का खतरा कम रहता है, लेकिन यह जीवन को काफी हद तक प्रभावित करती है। यदि किसी व्यक्ति को व्हाइट पैचेस हैं, तो उसकी स्कूलिंग से लेकर शादी और आगे के जीवन में समस्याएं आती हैं। लोगों में अवेयरनेस नहीं है। इस तरह की बीमारी का आसानी से इला
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यह बात भारतीय डर्माटोलॉजी, वेनेरियोलॉजी और लेप्रोलॉजी सोसायटी (IADVL) द्वारा आयोजित डर्माजोन वेस्ट-2024 और 29वीं क्यूटीकॉन कॉन्फ्रेंस में सेक्रेटरी डॉ. भूमेश कुमार काटकम ने कही।
उन्होंने कहा कि लोग समझते हैं कि स्किन केवल ब्यूटी के लिए है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। हेल्दी स्किन आपके स्वस्थ शरीर को दर्शाती है। अगर आपको कोई समस्या नहीं है तो आपको कोई क्रीम रोज लगाने की जरूरत नहीं है। हेल्दी डाइट आपके स्किन के लिए सबसे अच्छी मेडिसिन है। टीवी और सोशल मीडिया पर दिखाए जाने वाले प्रचारों को देखकर कोई भी प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
क्लिनिक की भव्यता को तवज्जो न दें
ऑर्गेनाइज़िंग सेक्रेटरी डॉ. मितेश अग्रवाल ने बताया कि हम लगातार लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि वे जिस डॉक्टर के पास जा रहे हैं, वह उनके इलाज के लिए कितना क्वालिफाई है। क्लिनिक की भव्यता और साइज को देखने के बजाय डॉक्टर की डिग्री को महत्व दें। वर्तमान में बड़ी संख्या में नॉन-क्वालिफाइड लोग कॉस्मेटोलॉजी के छोटे-छोटे कोर्स करके डर्मा की प्रैक्टिस कर रहे हैं और लोगों को मिस गाइड कर रहे हैं। लोग हमारी वेबसाइट पर जाकर अपने शहर के डर्मेटोलॉजिस्ट की सूची और पते की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
अच्छी स्किन के लिए बॉडी क्लॉक का रखें ध्यान
ऑर्गनाइजिंग टीम से डॉ. अतुल काठेड ने कहा कि हमें समझना होगा कि हमारी बॉडी हार्मोन के अनुसार चलती है, जो लाइट के अनुसार रिएक्ट करते हैं। सुबह हमारे शरीर से सक्रियता बढ़ाने वाले हार्मोन निकलते हैं और शाम को रिलैक्स करने वाले हार्मोन निकलते हैं।
लोगों ने अपना शेड्यूल अपनी बॉडी क्लॉक के खिलाफ कर लिया है। जब आप समय से सोते हैं, तो शुरुआती 3 घंटे में जो ग्रोथ हार्मोन निकलते हैं, वे बॉडी की हीलिंग करते हैं। अच्छी स्किन के लिए बॉडी क्लॉक के अनुसार जीवनशैली को अपनाना आवश्यक है।
आधुनिक पहनावे के कारण बढ़ रही स्किन समस्याएं
डॉ. शुकेन दशोरे ने बताया कि आज के समय में स्किन समस्याओं के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण हमारे पहनावे में आया बदलाव है। आज की जनरेशन ज्यादातर जींस पहनती है, जो मोटा फैब्रिक होता है, इससे स्किन में फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। निमाड़ में हर माह लोग 4 से 5 करोड़ की एंटी फंगल क्रीम का उपयोग कर रहे हैं।
अभी 70% जंकफूड है लोगों की डाइट
एक्सपर्ट्स ने सलाह दी कि स्किन के लिए हेल्दी डाइट में प्रत्येक मील में 50% फ्रूट्स और वेजिटेबल, 25% प्रोटीन और 25% कार्बोहाइड्रेट होना चाहिए। वर्तमान में अधिकांश लोग अपनी डाइट का 70% हिस्सा जंकफूड बना रहे हैं।
इसके साथ ही नियमित शारीरिक व्यायाम भी अच्छी स्किन के लिए जरूरी है। सोशल मीडिया पर दिखाए गए प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि उनके कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं होते। यदि किसी क्रीम की जरूरत हो तो डर्मेटोलॉजिस्ट की सलाह पर ही उसका उपयोग करें।
बेंगलुरु से आए वरिष्ठ डर्मेटोलॉजिस्ट और इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट्स, वेनेरियोलॉजिस्ट्स और लेप्रोलॉजिस्ट्स के नेशनल प्रेसिडेंट डॉ. मंजूनाथ शेनॉय ने बताया कि स्किन एक जटिल अंग है।
लोग इसे ज्यादा तवज्जो नहीं देते हैं और बिना समझे प्रोडक्ट्स का उपयोग करते हैं। इसके दुष्परिणाम बाद में सामने आते हैं।
पिछले एक दशक में डर्मेटोलॉजी में काफी बदलाव आया है। नई दवाओं, डिवाइस और टेक्नोलॉजी के कारण काफी मदद मिल रही है। इस क्षेत्र में युवाओं की रुचि भी बढ़ी है और लोगों में जागरूकता बढ़ी है।
आधुनिक तकनीक पर हुई चर्चा कॉन्फ्रेंस के संरक्षण डॉ. अनिल दशोरे ने बताया कि पहले दिन वर्कशॉप में वर्ल्ड क्लास ट्रीटमेंट के बारे में बताया गया। इसमें एआई का डर्मोटेलॉजी में इस्तेमाल, चेहरे के विभिन्न हिस्सों पर फिलर्स के प्रयोग की नई तकनीक, साथ ही लिप, मिड फेस, लोअर फेस और टेम्पल एरिया में भी फिलर्स का प्रयोग आदि टॉपिक्स शामिल थे। टॉक्सिन, थ्रेड्स और अन्य इंजेक्टेबल्स से जुड़ी नई तकनीकों के बारे में एक्सपर्ट्स द्वारा चर्चा की गई।
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