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लौटते मानसून की बेरुखी ने किसानों के साथ-साथ मंडी में खरीदी करने अनाज व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ा दी है। बारिश की वजह से जहां किसानों को नमी युक्त उपज बेचने में कम दाम मिल रहे हैं। वहीं दूसरी और मंडी में उपज की खरीदी करने वाले व्यापारियों को मक्का क
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इन दिनों जिला मुख्यालय की कृषि उपज मंडी में किसानों को मक्का के दाम 1300 से 2000 रुपए प्रति क्विंटल के बीच मिल पा रहे हैं। किसानों का आरोप है कि नमी का फायदा उठाकर व्यापारियों के द्वारा कम दाम में मक्का की खरीदी की जा रही है। चूंकि हर किसान के पास अनाज रखने को शेड नहीं है। अतः वह खेतों से कटाई के बाद मंडी लेकर आते हैं। जहां उन्हें कम दाम पर फसल बेचने को मजबूर होना पड़ता है। किसानों का कहना है कि फसल कटाई के समय हुई बारिश की वजह से उन्हें इस साल खासा नुकसान हुआ है।

फसल बेचने आए हर किसान के पास शेड नहीं है।
नमी युक्त मक्का सुखाने में आ रहा व्यापारियों को पसीना
जिला मुख्यालय की कृषि उपज मंडी में इन दिनों नमी युक्त मक्का नीलामी के लिए आ रही है, जिसको खरीदने के बाद व्यापारियों के द्वारा मंडी परिसर में सुखाने के लिए फैलाया जा रहा है। इस दौरान बारिश होने से मक्का की उपज गीली हो गई है जिसे सुखाने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों को लगाया गया है। पूरे मंडी परिसर में जगह जगह मक्का सुखाने के लिए फैलाई गई है। जिसकी सड़न की बदबू से सभी को परेशान होना पड़ रहा है। व्यापारियों की माने तो उन्हें भी इन दिनों उपज की खरीदी में घाटा हो रहा है।
मंडी प्रशासन बोल- किसानों को उचित दाम दिलाने के प्रयास
मंडी सचिव अशोक ठाकुर ने बताया कि नमी युक्त उपज आने के बावजूद भी किसानों को उनकी उपज के अच्छे दाम दिलाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं उन्होंने किसानों से अपील की है कि उपज के अच्छे दाम के लिए घर पर सुखाने के बाद ही बिक्री के लिए मंडी लेकर आएं।
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