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मजदूर
– फोटो : अमर उजाला
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छतरपुर जिले में पन्ना टाइगर रिजर्व के मड़ला गेट पर बीते 12 साल से आकस्मिक मजदूर के रूप में सेवाएं दे रहे अजय सक्सेना का अचानक SDO के द्वारा पन्ना बफर ट्रांसफर कर दिया गया था। उसने अधिकारी से कई बार निवेदन भी किया। वह नहीं माने और उन्होंने रेंजर से कह दिया कि अब यह बीट और ऑफिस में नहीं देखा जाना चाहिए। इस बात का जैसे ही उसे पता चला तो उसकी तबियत बिगड़ गई और उसे हार्ट अटैक आ गया।
वहीं अब आरोप है कि ट्रांसफर किए जाने से आहत अजय सक्सेना की तबियत बिगड़ गई और उनको बोला गया कि आज ही वहां जाकर ज्वॉइन करना है और अब वह यहां दिख न जाए। इस पर उसकी हालत बिगड़ गई। सक्सेना के परिजनों ने बताया कि यह सुनते ही उनकी तबियत बिगड़ गई और उनको पहले एक जगह भर्ती किया गया। वहां पर डॉक्टरों ने स्थिति को देखते हुए जिला अस्पताल छतरपुर रेफर किया, जहां पर वह इलाज करवा रहे हैं।
सक्सेना के परिजनों ने SDO पर आरोप लगाए हैं कि वह उनको खुन्नस रखता है एवं जान बूझकर प्रदर्शित करता है, जिस कारण आए दिन परेशान किया जाता है। वहीं, बुधवार को SDO ने रेंजर से कहा कि आज से यह बीट और ऑफिस में नहीं दिखना चाहिए। जैसे ही उसे इस बात का पता चला तो उसकी तबियत बिगड़ गई और उसे हार्ट अटैक आ गया।
SDO की हुकूमत से कर्मचारी परेशान
बता दें कि देवेंद्र कुमार अहिरवार SDO, PTR हैं। उन पर आरोप है कि वह विभाग में अपनी अलग ही हुकूमत चलाते हैं, जिनकी प्रताड़ना से विभाग के कर्मचारी प्रताड़ित हैं। यहां भी ऐसा ही हुआ है, जब उन्होंने मजदूर का लिखित आदेश देकर ट्रांसफर कर दिया है। जबकि ऐसा होता नहीं था। सब मौखिक तौर पर होता था। इतना ही नहीं अधिकारी पर आरोप है कि वह मजदूर से व्यक्तिगत खुन्नस खाए हुए थे। उन्होंने आज ही रेंजर से कहा कि यह मजदूर अब यहां ऑफिस/वन बीट में दिख न जाए, जिसका पता चलने पर उसकी तबियत खराब हो गई और उसे अटैक आ गया।
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