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Shahdol Tests Which Are Done Free Of Cost In Hospital Doctors Sending Lab After Making Arrangements For Same – Amar Ujala Hindi News Live

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Shahdol tests which are done free of cost in hospital doctors sending lab after making arrangements for same

धनपुरी अस्पताल
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


शहडोल जिले की कोयलांचल नगरी धनपुरी में स्थित एक मात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धनपुरी वर्तमान समय में लूटखसोट का अड्डा बन चुका है। जहां खुलेआम एक चिन्हित पैथोलॉजी से महंगे टेस्ट कराकर लाने के लिए मरीजों को बाध्य किया जा रहा है। जबकि कई ऐसे बल्ड टेस्ट हैं, जो कि उसी अस्पताल में मुफ्त में हो सकते हैं। इसके बावजूद चिकित्सक द्वारा चिन्हित पैथोलॉजी भेजकर वहां से टेस्ट कराए जाने के लिए मरीज को मजबूर किया जा रहा है।

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अगर कोई मरीज गलती से चिकित्सक द्वारा सेट की गई पैथोलाजी से टेस्ट नहीं कराता है और वह किसी अन्य पैथोलॉजी से टेस्ट कराकर रिपोर्ट लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धनपुरी जाता है तो उसे बिना देखे ही खारिज कर दिया जाता है। साथ ही उस मरीज का इलाज करने से मना कर दिया जाता है। इतना ही नहीं चिकित्सकों की हिमाकत इस कदर बढ़ गई है कि वह दूसरे पैथोलॉजी से मशीन से जारी रीडिंग रिपोर्ट को गलत बताते हुए उसे क्रास करना भी शुरू कर दिया गया है। डॉक्टर की इस हठधर्मिता का शिकार हुआ है एक गरीब मरीज मुसैब पिता मुस्तकीम 10 वर्ष निवासी धनपुरी।

बुखार का इलाज कराने आया था मरीज

मुसैब के परिजनों ने बताया कि उसे बुखार जैसा महसूस होने पर परिजन उसे लेकर इलाज कराने सामुदायिक स्वाश्थ्य केंद्र धनपुरी पहुंचे। जहां सबसे पहले परिजनों द्वारा ओपीडी पर्ची कटाई गई, जिसका नम्बर 15635 है। उसके बाद परिजन अस्पताल में मौजूद चिकित्सक के पास मरीज को लेकर गये। परिजनों के अनुसार, उक्त चिकित्सक का नाम अस्पताल कर्मियों द्वारा उत्कृष्ट द्विवेदी बताया गया। उन्होंने मरीज को देखा और कुछ टेस्ट अपनी चिन्हित पैथोलॉजी से कराकर लाने की बात कही।

लेकिन परिजन उक्त लैब न जाकर किसी अन्य पैथोलॉजी से टेस्ट कराकर रिपोर्ट लेकर अगले दिवस उसी चिकित्सक के पास पहुंचे। जैसे ही चिकित्सक की नजर दूसरे लैब की रिपोर्ट पर पड़ी तो वह आग बबूला हो उठे। उसके बाद मरीज के परिजनों को फटकार लगाते हुए कहा कि जहां से (जीवन ज्योति पैथोलॉजी) मैंने टेस्ट कराने को कहा था, वहां से क्यों नहीं कराया। इतना कहते हुए दूसरे पैथोलॉजी की रिपोर्ट को अमान्य करते हुए उसे क्रास कर परिजनों को अस्पताल से भगा दिया। जबकि जो टेस्ट डॉक्टर द्विवेदी ने मरीज को बाहर से चिन्हित पैथोलॉजी से कराने को कहा था वह सभी टेस्ट अस्पताल से मुफ्त में हो सकते थे। ऐसे में केवल अपने कमीशन के चक्कर में चिन्हित स्थान पर जाने को मजबूर किया गया। 

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धनपुरी में वर्तमान समय अव्यवस्था का आलम यह हो चुका है कि वहां पदस्थ चिकित्सकों ने एक निजी लैब के पैथोलॉजिस्ट को अस्पताल में डेरा डालने की खुली छूट कमीशन के चक्कर में दे रखी है। जो अस्पताल खुलने से लेकर बंद होने तक अस्पताल परिसर में ही मंडराता रहता है। जैसे ही कोई मरीज अस्पताल में आता है तो जरूरत हो अथवा नहीं उसे कई सारे टेस्ट इसी तथा कथित पैथोलॉजिस्ट के यहां से कराने के लिए कहा जाता है।

दवाई तो लिख दीजिए 

मरीज के परिजन गिडगिड़ाते रहे कि डाक्टर साहब हम लोग समझ नहीं पाए थे कि आपने कहां से टेस्ट कराने के लिए कहा है। इसलिए कृपया इसी टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर दवाइयां लिख दीजिए। लेकिन कमीशन के चक्कर में चिकित्सक ने दवाई लिखने से मना कर मरीज को उल्टे पांव लौटा दिया, जिसके बाद वह अस्पताल से वापस लौट आए और अन्य किसी निजी डॉक्टर के पास जाकर बच्चे का इलाज कराया।

पदस्थापना कहीं और यहां अटैचमेंट 

पता चला है कि वर्तमान समय जो संविदा चिकित्सक उत्कृष्ट द्विवेदी धनपुरी में पदस्थ हैं, उनकी मूल पदस्थापना जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैतपुर में है। लेकिन वरिष्ठ कार्यालय से सेटिंग करके उन्होंने अपनी पस्थापना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धनपुरी में अपने को अटैच करवा लिया। लगभग ढाई वर्ष से भी अधिक समय से वह यहां अटैच हैं। ऐसा लग रहा है कि यहां पदस्थापना कराने के पीछे उनका एक मात्र उद्देश्य अधिक से अधिक आर्थिक लाभ कमाना था, जिसके लिए वह मरीजों को जबरन महंगे टेस्ट कराने पर मजबूर कर रहे हैं। 

जैतपुर क्षेत्र में भटक रहे मरीज

सवाल यह भी उठ रहा है कि जैतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से आसपास के दर्जनों गांव जुड़े हुए हैं। जहां के मरीजों के हजारों मरीज उपचार के लिए वहां पहुंचते हैं। ऐसी स्थिति में उक्त चिकित्सक को वहां से धनपुरी में अटैच क्यों किया गया है। जबकि धनपुरी अस्पताल में वर्तमान समय डाक्टर द्विवेदी के अलावा कई अन्य चिकित्सक पदस्थ हैं। मरीजों को ऐसा आभाश होने लगा है कि शायद सेटिंग के लैब से टेस्ट व चिन्हित मेडिकल स्टोर से दवाइयां मंगाकर कमीशन के चक्कर में डाक्टर द्विवेदी यहां जमे रहना चाहते हैं। उनकी इस हरकत से अब मरीज तंग आ चुके हैं, जिसके बाद विरोध होना शुरू हो चुका है। 

कलेक्टर को भजेंगे पत्र 

डॉक्टर के इस प्रकार के रवैये को लेकर सत्ता पक्ष के नेता भी मुखर हो गए हैं। भाजपा जिला उपाध्यक्ष राकेश तिवारी से ज़ब इस संबंध मे चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि पूर्व में ऐसी बात सामने आने पर डॉक्टर उत्कृष्ट द्विवेदी को समझाइश दी गई थी। लेकिन फिर वह ऐसा कर रहे तो यह जनहित में उचित नहीं है। हमारी भारतीय जनता पार्टी आमजन की हितों की रक्षक है। मैं शीघ्र ही स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारी के साथ-साथ कलेक्टर को इससे अवगत कराता हूं। चिकित्सक की जहां मूल पदस्थापना है, उसे वहां भेजा जाए।

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