[ad_1]

इस परिचय सम्मेलन की शुरुआत इंदौर माहेश्वरी समाज ने की थी और आज 36 साल बाद मैं इंदौर में उसका उत्कृष्ट रूप देख रहा हूं। व्यवस्थाओं को हाईटेक करने के साथ जिस तरह पारिवारिक माहौल में यहां अभिभावक एवं प्रत्याशी आपस में मिल रहे हैं, यह बात ही माहेश्वरी सम
.
यह बात अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महासभा के सभापति संदीप काबरा ने कही। वे श्री माहेश्वरी विवाह प्रकोष्ठ सेवा ट्रस्ट द्वारा आयोजित 36वें अखिल भारतीय परिचय सम्मेलन में आयोजित सम्मान समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि परिचय सम्मेलन को स्थापित करने में जिन बुजुर्ग लोगों ने अपने जीवन के 36 वर्ष दे दिए आज उनका सम्मान करके मैं अभिभूत हूं। मैं समाज के युवाओं से आह्वान करता हूं कि वे आगे आएं एवं बुजुर्गों के इस धरोहर को आधुनिकतम रूप में आगे ले जाएं। वे बोले अभिभावक अपने बच्चों के संबंध के लिए दिमाग में बने इमेजिनेशन को हटाएं और कुंडली मिलान के बजाय उनके मेंटल लेवल को मैच करें। किसी हीरो-हीरोइन जैसे जीवनसाथी प्राप्त करने का का विचार त्याग दें और परिवार को निभाने वाली जोड़ी बनाएं।
संदीप काबरा और महासभा के संयुक्त मंत्री दिनेश राठी ने समाजसेवियों किशन भैया, रामेश्वरलाल असावा, लीलादेवी जाखेटिया और शिवनारायण भूतड़ा को शाल, श्रीफल और सम्मान पत्र भेंट कर सम्मानित किया। सम्मान पत्र का वाचन प्रेम माहेश्वरी, बसंत खटोड़, पंकज सोनी और मनीष बिसानी ने किया। काबरा का परिचय मुकेश असावा ने दिया। प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कमलनारायण भुराड़िया ने कहा कि व्यापार व्यवसाय में अग्रणी भूमिका निभा रहे समाज को अपनी संस्कृति और संस्कार को बचाने के लिए युवक, युवतियों को समाज में ही विवाह करने के लिए प्रेरित करने की जरूरत है।
स्वागत कमल भुराड़िया, कल्याणमल मंत्री, बसंत खटोड़,अशोक धूत, सत्यनारायण बाहेती, विजय कालानी, आनंद नागोरी, रामस्वरूप धूत, सूरजनारायण राठी, प्रहलाद मोदानी, प्रेम माहेश्वरी, मनीष बिसानी ने किया। संचालन माधुरी सोमानी और आभार कल्याणमल मंत्री ने प्रकट किया।
100 से अधिक संबंध तय होने की स्थिति में पहुंचे
संस्था के मीडिया प्रभारी रामस्वरूप मूंदडा ने बताया कि अंतिम समय तक अभिभावक रिश्तों को तय करने में जुटे रहे। लगभग 100 से अधिक संबंध तय होने की स्थिति में पहुंच गए हैं हालांकि आयोजकों ने दोनों परिवार के बारे में संतुष्ट होने पर ही संबंध तय करने का निवेदन किया है। अंतिम दिन लगभग दो माह से जुटे डेढ़ सौ कार्यकर्ताओं का भावभीना सम्मान किया गया। सभी ट्रस्टियों ने उनके प्रति अपना आभार प्रकट किया।
[ad_2]
Source link

