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दशहरा पर्व पर 70 साल से चली आ रही एक परंपरा रायसेन में आज भी उसी ढंग से निभाई जाती है। शहर के प्राचीन बावड़ीपुरा हनुमान मंदिर से 40 किलो वजनी वीर हनुमान का मुखौटा धारण कर शोभायात्रा शनिवार शाम 5:30 बजे से निकल गई।
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इस बार आदर्श यादव ने 40 किलो वजनी वीर हनुमान का मुखौटा धारण किया गया। शोभायात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई दशहरे मैदान पहुंचेगी। इस दौरान लगभग 5 घंटे तक इस मुखौटे को धारण किए रखा। लोगों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। वहीं वीर हनुमान के मुखौटा की आरती भी की गई।
मुखौटा धारण करने के लिए करना पड़ता है ब्रह्मचर्य का पालन प्राचीन हनुमान मंदिर बावड़ी पुरा में जय महावीर समिति द्वारा जो लोग मुखौटा धारण करने की इच्छा रखते हैं, उनके नाम की 2 पर्ची मंदिर में हनुमान प्रतिमा के सामने डाली जाती हैं। पर्ची को किसी कन्या के हाथ से उठवाया जाता है। पहली पर्ची में नाम आने वाले को दशहरा पर मुखौटा लगाया जाता है और वहीं दूसरी पर्ची में नाम आने वाला व्यक्ति रामलीला मेले में रावण दहन के दिन मुखौटा धारण करता है। इससे पहले 40 दिन का ब्रह्मचर्य का पालन और व्रत किया जाता है। इस दौरान मंदिर पहुंचकर सुबह और शाम कड़ी तपस्या और मेहनत की जाती है।
इस बार शहर के आदर्श यादव ने वीर हनुमान का मुखौटा धारण किया गया।
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