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इंदौर में इस बार शारदीय नवरात्रि पर साबूदाना की भरपूर डिमांड बनी हुई है। खास बात यह कि बीते एक माह में इंदौर में साबूदाना की 5 गुना खपत बढ़ी है। इसका मुख्य कारण नौ दिनी नवरात्रि में घर-घर साबूदाना की खिचड़ी और उसके अन्य आइटम सुबह-शाम लोगों की जरूरत बने
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दरअसल बीते कई सालों से इंदौर में आम दिनों में भी साबूदाना खिचड़ी की भरपूर डिमांड होती है। लोगों को नाश्ते के रूप में जहां पोहे पसंद हैं। वहीं दोपहर को बाजारों में खिचड़ी के ठेले लग जाते हैं। खास बात यह कि लोग इसे फरियाली ही नहीं बल्कि नाश्ते के रूप में भी लेते हैं। बड़ा सराफा चौपाटी और आसपास के क्षेत्रों में इसके ठेले बड़ी संख्या में लगे रहते हैं। यहां देर तक ग्राहकी बनी रहती है।
शहर में महाशिवरात्रि के अलावा शारदीय नवरात्रि पर तो इसकी डिमांड बढ़ जाती है। अभी तो शहर भर के मंदिर देर रात तक खुले रहते हैं। इसके अलावा देवास के चामुंडा माता मंदिर सहित इंदौर के आसपास के मंदिरों में माता भक्तों द्वारा 24 घंटे खिचड़ी प्रसाद का वितरण किया जा रहा है।
1 किलो पैक्ड साबूदाना की खूब डिमांड
देश के बड़े साबूदाना कारोबारी गोपाल साबू (तमिलनाडु) ने बताया कि इस बार इंदौर ही नहीं अधिकांश शहरों में साबूदाना की डिमांड ज्यादा है। इसका खास कारण पिछले साल की तुलना में साबूदाना का भाव 15 से 20% कम होना है। इंदौर में आम दिनों में हर माह 400 टन साबूदाना की डिमांड रहती है, लेकिन एक माह में 2 हजार टन रही है। इसमें आम दिनों में पैक्ड आधा किलो की डिमांड रहती थी लेकिन इस बार 1 किलो पैक्ड साबूदाना की खूब डिमांड बनी हुई है। इसका कारण नौ दिनी नवरात्रि का व्रत है। दोनों टाइम का व्रत होने से 1 किलो पैक्ड साबूदाना की ज्यादा खपत हो रही है। घरों में इस लिहाज से लोगों ने साबूदाना की खरीदी की। आम दिनों में आधा किलो पैक्ड साबूदाने की खपत होती रही है। महाशिवरात्रि पर भी डिमांड ज्यादा रहती है।
रेट कम होने से भी डिमांड ज्यादा
52 साल पुराने साबूदाना मैन्युफैक्चरिंग कारोबारी राजकुमार साबू (इंदौर) भी यही कारण बताते हैं। उनके मुताबिक पिछले साल पैक्ड साबूदाना होलसेल में 73 रु. प्रति किलो और खेरची में 90 रु. प्रति किलो बिका था। इस बार पैक्ड होलसेल साबूदाना 65 रु. प्रति किलो और खेरची 80 रु. किलो रेट है। रेट कम होने से भी ज्यादा डिमांड रही।
मंदिरों में क्विवंटलों से बन रही खिचड़ी
शहर और आसपास के मंदिरों में स्थिति यह है कि इन दिनों रोज क्विंटलों से खिचड़ी बन रही है। इस कारण मंदिरों में रोज क्विंटलों से साबूदाना मंगवाया जाता है। अभी नवमी तक डिमांड ऐसी ही रहेगी। फिर आमदिनों में भी बाजारों में खिचड़ी की डिमांड पहले की तरह रहेगी। सालों से खिचड़ी का ठेला लगाने वाले रतन प्रजापत ने बताया कि अभी दिनभर फुर्सत ही नहीं है। सुबह 11 बजे से देर रात तक जमकर ग्राहकी बनी है। इन दिनों पहले की तुलना में 20% ज्यादा ग्राहकी बनी हुई है।
उपवास में साबूदाना के खास फायदे
- लोगों को फरियाल में ऐसा कुछ चाहिए कि दिनभर एनर्जी बनी रही। साबूदान खिचड़ी की विशेषता यह है कि सेवन के बाद यह आठ घंटे तक एनर्जी देता है। ऐसे में आठ घंटे तक भूख नहीं लगती।
- साबूदाना कार्बोहाइड्रेड होने के कारण धीर-धीरे पचता है इससे कमजोरी नहीं लगती।
- साबूदाने से बने आइटम का सेवन करने से व्यक्ति दिनभर आसानी से काम कर लेता है।
- साबूदाने की खिचड़ी खाने से घंटों गरबा करने वालों को भी परेशानी नहीं होती। उन्हें पूरे समय भूख नहीं लगती। शरीर में ग्लूकोज भी साबूदाना के साबूदाने के स्टार्च से बनता है।
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