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रजिस्ट्री का पूरा सिस्टम पूरी तरह ऑनलाइन करने के लिए संपदा सॉफ्टवेयर 2.0 गुरुवार को लांच होगा। इसी के साथ एक एप भी शुरू होगा, जो जिसे आप ही मोबाइल से ही डाउनलोड कर सकेंगे। नए सिस्टम में किसी भी रजिस्ट्री पर पक्षकारों के हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं होग
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आधार लिंक के माध्यम से ओटीपी वेरिफिकेशन कर दस्तावेज का पंजीयन होगा। हालांकि इस अॉनलाइन व्यवस्था को लेकर रजिस्ट्री वकील एकमत नहीं हैं। उनका कहना है कि इसमें भी कई तरह की परेशानियां हैं। कभी सर्वर डाउन तो कभी नगर पालिका की परेशानी। इन्हें पहले ठीक किया जाना चाहिए, क्योंकि संपदा सॉफ्टवेयर 1.0 की कई गलतियां आज तक सुधारी नहीं गई।
बेनामी संपत्तियों पर लगाम लगेगी, दिक्कतें न दोहराएं
- एडवोकेट प्रमोद द्विवेदी ने कहा कि दावा पहले भी था कि गवाह के अंगूठे नहीं लगेंगे। यह नियम में भी नहीं था। महानिरीक्षक पंजीयन के आदेश पर 2006 से ही यह लिया जाने लगा। कुछ दस्तावेज जिनके पंजीयन आवश्यक नहीं, उसके बारे में भी वकील पहले ही बता चुके है। सवाल यह भी है कि रजिस्ट्री के लिए क्या लिमिट आसानी से मिल सकेगी।
- एडवोकेट पं. देवी प्रसाद शर्मा ने कहा कि जो नया सॉफ्टवेयर वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा शुरू किया जा रहा है, इसका चार जिलों में सफल संचालन हो चुका है। इसके लागू होने से अचल संपत्तियों की पहचान, स्थिति, लोकेशन एक क्लिक पर उपलब्ध रहेगी। पूरी जानकारी ऑनलाइन होगी। संपदा-1 में जो कमियां हैं, उन्हें दूर करते हुए हम सबसे एडवांस सिस्टम लांच किया गया है। कनेक्टिविटी, सर्वर आदि की समस्या यदि नहीं आई तो संपदा-2 के उपयोग में कोई परेशानी नहीं होगी। आधार, मेल आईडी से लिंक करने से बेनामी संपत्तियों पर लगाम लगाना आसान हो जाएगा।
- एडवोकेट विनय द्विवेदी ने कहा कि संपदा सॉफ्टवेयर 1.0 की कई गलतियां आज तक सुधारी नहीं गई हैं। जबकि यह सॉफ्टवेयर राजस्व विभाग और नगर निगम-नगर पालिका की साइट से भी लिंक रहेगा। जो कई कई दिन क्या, कई सप्ताह तक बंद रहती है। ऐसे में संपदा सॉफ्टवेयर 2.0 को जल्दबाजी में शुरू किया जा रहा है। अगले 3 से 4 महीने तक सॉफ्टवेयर ठीक-ठाक चलेगा, इसकी संभावना काफी कम है।
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