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More than 15 contractors got trapped in the greed of gold scam | ठगी की ‘बंपर धमाका’ स्कीम: डीलर के ऑफर में न सोना मिला न चांदी, सीमेंट खरीदी के 3 करोड़ रुपए भी डूबे – narmadapuram (hoshangabad) News

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सीमेंट कंपनी के डीलर अनूप सिंह ने नर्मदापुरम के 22 से ज्यादा सिविल ठेकेदार और इंजीनियरों को ठगा है।

सीमेंट खरीदो और सोना-चांदी पुरस्कार में जीतो…आप इसे किसी कंपनी का ऑफर समझने की भूल मत कीजिए। ये है ठगी की बंपर धमाका स्कीम। इसे लॉन्च करने वाला एक सीमेंट डीलर है। इस स्कीम के चक्कर में फंसकर ठेकेदारों और इंजीनियरों ने जमापूंजी तो लगाई ही…सोना-चांदी

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सीमेंट डीलर के जाल में 22 इंजीनियर और ठेकेदार फंसे। 300 रुपए की सीमेंट के 600 रुपए तक एडवांस भरे। उनके कुल 3 करोड़ रुपए डूब गए हैं। अब सभी पुलिस के चक्कर लगा रहे हैं।

भरोसे में लेकर कैसे डीलर ने की ठगी, पढ़िए पूरी रिपोर्ट… नर्मदापुरम निवासी अरविंद बामने सिविल कॉन्ट्रेक्टर हैं। मकान बनाने का ठेका लेते हैं। उन्होंने बताया, ‘नगर के रसूलिया क्षेत्र में सीमेंट कंपनी के डीलर अनूप सिंह की ‘सिंह एंड संस’ फर्म है। वह कई साल से सीमेंट दुकान चला रहा है। लंबे समय से मैं उससे सीमेंट खरीदता आ रहा था।’

अरविंद ने बताया कि व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा बढ़ी तो अनूप की सीमेंट की बिक्री कम हो गई थी। इस दौरान जून 2023 में अनूप ने “होशंगाबाद कॉन्ट्रेक्टर” नाम से एक वॉट्सएप ग्रुप बनाया। इसमें शहर के कई ठेकेदारों और इंजीनियर्स को जोड़ा। सीमेंट की ब्रिकी बढ़ाने के लिए स्कीम भी निकालनी शुरू कर दी। इसका जिक्र वॉट्सएप ग्रुप में किया।

जिन ठेकेदारों और इंजीनियरों को अनूप सिंह ने ठगा, उन्होंने देहात थाना नर्मदापुरम में एफआईआर कराई है।

जिन ठेकेदारों और इंजीनियरों को अनूप सिंह ने ठगा, उन्होंने देहात थाना नर्मदापुरम में एफआईआर कराई है।

पति और पत्नी दोनों डालते थे स्कीम के मैसेज ठेकेदार अरविंद बामने ने बताया कि वॉट्सएप ग्रुप में अनूप सिंह और उसकी पत्नी के मोबाइल नंबर से स्कीम के मैसेज डाले जाते थे। मैसेज में लिखा रहता था- ​​​​​स्कीम निर्धारित समय के लिए वैध है। पहली 10 बुकिंग कराने वालों को ही लाभ मिलेगा।

अनूप सिंह और उसकी पत्नी के मोबाइल नंबर से ऐसे मैसेज वॉट्सएप ग्रुप में भेजे जाते थे।

अनूप सिंह और उसकी पत्नी के मोबाइल नंबर से ऐसे मैसेज वॉट्सएप ग्रुप में भेजे जाते थे।

डीलर लालच देता गया और ठेकेदार फंसते गए अरविंद बामने ने बताया- अनूप ने 25 बैग सीमेंट खरीदने पर एक सप्ताह बाद 25 ग्राम का चांदी का सिक्का देने की बात कही। स्कीम का फायदा उठाने के लिए मैंने 15 जून 2023 को 8 हजार 375 रुपए एडवांस जमा कर दिए। एक सप्ताह बाद बदले में डीलर ने सिक्के के बदले 1750 रुपए नगद दे दिए।’

इसके बाद 3 अक्टूबर 2023 को अरविंद 150 बैग सीमेंट खरीदने वापस गया तो अनूप ने 150 बैग का एडवांस भुगतान करने पर 15 दिन बाद सीमेंट और साथ में 13.5 ग्राम सोना देने का लालच दिया। इस पर अरविंद ने उसे एडवांस ऑनलाइन भुगतान कर दिया।

इसके 15 दिन बाद रैक नहीं आने की बात कहकर डीलर ने उसे दूसरी कंपनी की सीमेंट खरीदने की स्कीम बताई। अरविंद ने फिर लालच में आकर रुपए इन्वेस्ट कर दिए। इसी तरह नवंबर 2023 तक आरोपी कई प्रकार की स्कीम से गोल्ड देने का लालच देता रहा।

अनूप 'सिंह एंड संस' के नाम से इसी दुकान से व्यापार करता था।

अनूप ‘सिंह एंड संस’ के नाम से इसी दुकान से व्यापार करता था।

शुरुआत में बाइक और चांदी का सिक्का देकर भरोसा जीता ठेकेदारों ने बताया कि जून 2023 से अनूप ने ठेकेदारों और इंजीनियरों को स्कीम का फायदा देना शुरू किया। शुरुआत में अलग-अलग स्कीम के तहत चांदी का सिक्का, नकद रुपए, बाइक और दूसरे महंगे सामान बांटे। वह महंगे होटलों में पार्टी देता था।

करीब तीन महीने तक यही सिलसिला चला, जिससे सभी ठेकेदारों को डीलर पर भरोसा हो गया। इसके बाद जो भी स्कीम ग्रुप में भेजी जाती, ठेकेदार उस योजना का लाभ लेने रुपए लेकर पहुंच जाते थे।

अनूप सीमेंट खरीदने वालों को इस तरह की रसीद देता था। पुलिस ने इसे कार्रवाई के लिए पर्याप्त सबूत नहीं माना।

अनूप सीमेंट खरीदने वालों को इस तरह की रसीद देता था। पुलिस ने इसे कार्रवाई के लिए पर्याप्त सबूत नहीं माना।

22 ठेकेदार-इंजीनियरों के 3 करोड़ से ज्यादा फंसे नर्मदापुरम देहात थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, अरविंद बामने के अलावा ठेकेदार पवन गौर, अनुपम दास, पार्थ वर्मा, जुगल किशोर, पप्पू शर्मा, बल्लू भदौरिया, इमरान अली, अभिमन्यु सिंह, दुर्गेश भदौरिया, हरिशंकर साहू, सूर्यभान सिंह, अमित दीवान, प्रदीप गौर, हेमंत गौर, विवेक साहू, विमल राजपूत, राजेश राजपूत, शिरीष बानखेड़े, दमन राजपूत, जितेंद्र तिवारी और मुकेश गौर ​​​​ठगी का शिकार हुए।

एफआईआर के अनुसार, इस जालसाजी में इन सभी के 3 करोड़ से ज्यादा रुपए फंसे हुए हैं।

स्कीम का फायदा लेने के लिए नकद भुगतान जरूरी सिविल ठेकेदार पार्थ वर्मा ने बताया- सभी लोगों को पिछले साल वॉट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया था। डीलर नगद रुपए एडवांस जमा कराने वाले को ही स्कीम का लाभ देता था। अगर 5-10 फीसदी रुपए नकद नहीं होते, तो कभी-कभी ऑनलाइन रुपए भी लेता था।

ठेकेदारों ने बताया कि एडवांस रुपए जमा कराने के बाद उन्हें पर्चियां दी गईं। इन पर ठेकेदार का नाम, सीमेंट की मात्रा, भुगतान का विवरण, गोल्ड की मात्रा और महीने का नाम लिखा रहता था।

पार्थ वर्मा ने बताया कि उसे पर्ची में 200 बैग सीमेंट के रुपए जमा कराने पर 16 ग्राम गोल्ड और सितंबर लिखकर दिया गया था।

पुलिस बोली- 20 लाख रुपए का हिसाब मिला देहात थाना प्रभारी प्रवीण चौहान ने बताया कि जांच के दाैरान एक फरियादी के 20 लाख रुपए के लेनदेन का हिसाब मिला है। उनकी तरफ से 3 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज कराई गई थी। अन्य लोगों ने भी शिकायत की हैं। उनके लेनदेन की जांच करने के बाद प्रकरण में उसे जोड़ेंगे।

एसपी डॉ. गुरकरन सिंह का कहना है कि किसी भी स्कीम में रुपए लगाने से पहले पड़ताल करनी चाहिए कि वो कितनी सही है। अगर कोई किसी स्कीम में कम समय में ज्यादा मुनाफा यानी 100 रुपए के 150, 200 रुपए करने का भरोसा दे रहा है तो उस पर बिल्कुल भी भरोसा न करें।

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