[ad_1]
ग्रेजुएशन के बाद एक नया जीवन शुरू हो रहा है। यह वक्त आपके भविष्य की नई सीढ़ी होगा। भारत तेजी से विकसित देशों की श्रेणी में शामिल हो रहा है। देश के विकास में योगदान और जीवन में आगे बढ़ने के लिए आपको लगातार सीखना होगा, क्योंकि शिक्षा एक आजीवन यात्रा है
.

यह कहना है पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का। वे सोमवार सुबह श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय में आयोजित सातवें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथ्य बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली अधिकांश छात्राएं हैं, जो महिला सशक्तिकरण का एक सकारात्मक संकेत है। समारोह में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट के 1424 स्टूडेंट्स को डिग्री दी गई, जिनमें 19 पीएचडी स्टूडेंट्स शामिल थे। कुल 15 मेधावी छात्रों को गोल्ड मेडल दिए गए। इनमें 10 गोल्ड मेडल लड़कियों के नाम रहे।
पूर्व छात्र को पुरस्कार दिया
वर्ष 2002 के एलुमनी मनीष कुमार को उत्कृष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार दिया गया। वे एक एयरोस्पेस विशेषज्ञ हैं, जिनका उपग्रह तकनीक और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों में व्यापक अनुभव है। अन्य अितथि में सांसद शंकर लालवानी और मप्र निजी विवि नियामक आयोग के अध्यक्ष भरत शरण सिंह व कमल नारायण भुराड़िया मौजूद थे।
न्यू एजुकेशन पॉलिसी पर फोकस
कुलाधिपति पुरुषोत्तमदास पासारी ने स्टूडेंट्स और समाज को लेकर किए जा रहे काम के बारे में बताया। कुलपति डॉ. उपिंदर धर ने कहा कि हम लगातार न्यू एजुकेशन पॉलिसी और स्टूडेंट्स डेवलपमेंट को लेकर काम कर रहे हैं। इसके लिए रोबोटिक व आईटी लैब सहित कई नई सुविधाएं दी जा रही हैं, ताकि स्टूडेंट्स इंडस्ट्री रेडी और जीवन में सफल हो सकें।
[ad_2]
Source link



