Home मध्यप्रदेश Student union elections have not been held for seven years | सात...

Student union elections have not been held for seven years | सात साल से नहीं हुए छात्रसंघ चुनाव: छात्रसंघ चुनाव कैलेंडर में प्रस्तावित, लेकिन होना मुश्किल, एबीवीपी और एनएसयूआई चुनाव की मांग पर कायम – Bhopal News

15
0

[ad_1]

मप्र में छात्रसंघ चुनाव इस साल होना भी मुश्किल है। उच्च शिक्षा विभाग के अकादमिक कैलेंडर में सितंबर-अक्टूबर में चुनाव प्रस्तावित हैं। लेकिन, अब तक विभाग ने चुनाव की दिशा में कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की है। प्रदेश में अंतिम बार 2017 में अप्रत्यक्ष प्रणा

.

प्रदेश में पिछले छह साल से छात्रसंघ चुनाव स्थगित किए जा रहे हैं। इससे पहले, कई वर्षों तक ये चुनाव नियमित रूप से नहीं हुए थे। छात्रसंघ चुनावों पर प्रतिबंध या स्थगन का कारण विभिन्न राजनीतिक और प्रशासनिक कारणों से जुड़ा है, जिसमें कभी-कभी शैक्षिक माहौल में गड़बड़ी का खतरा और प्रशासनिक चुनौतियां हैं।

2022 और 2023 में सरकार द्वारा इन चुनावों को फिर से शुरू करने पर चर्चा हुई थी, और कई छात्र संगठनों ने चुनाव कराने की मांग भी उठाई थी। लेकिन चुनाव नहीं हो पाए। गौरतलब है कि प्रदेश में 2010 के बाद से प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव भी बंद हो गए थे। उसके बाद अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव होते थे, जिसमें छात्र अपना कक्षा प्रतिनिधि चुनते थे और बाद में कक्षा प्रतिनिधि विभिन्न पदों के लिए वोटिंग करते थे। इसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या अन्य पदों के लिए सभी छात्र सीधी वोटिंग नहीं करते थे।

अप्रत्यक्ष प्रणाली के लिए यह थी अहर्ताएं

  • विद्यार्थी को कोर्ट द्वारा किसी अपराध के लिए दंडित नहीं किया गया हो अथवा उसके विरुद्ध आरोप तय कर न्यायालयीन कार्यवाही नहीं चल रही हो।
  • किसी भी परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करने के कारण दंडित नहीं किया गया हो
  • विश्वविद्यालय/महाविद्यालय का कोई अग्रिम बकाया नहीं हो।
  • संस्था द्वारा अनुशासनहीनता के कारण दंडित नहीं किया गया हो।
  • विद्यार्थी ने एक पाठ्यक्रम में अनुत्तीर्ण होने पर अथवा अपूर्ण छोड़कर दूसरे पाठ्यक्रम में प्रवेश न लिया हो। किसी भी उपाधि परीक्षा को पूरक/ एटीकेटी के द्वारा उत्तीर्ण नहीं किया हो। सभी परीक्षाएं प्रथम प्रयास में उत्तीर्ण की हों। अध्ययन-काल में अंतराल न हुआ हो।
  • अध्ययन-काल के किसी भी वर्ष में विश्वविद्यालय / महाविद्यालय / छात्रावास से निष्कासित नहीं किया गया हो।
  • विद्यार्थी रैंगिंग प्रकरण में लिप्त न रहा हो।

ज्यादातर नेता छात्र राजनीति से, फिर भी चुनाव बंद… वर्तमान में बड़ी संख्या में मंत्री सहित अन्य पदों पर आसीन जनप्रतिनिधि छात्र राजनीति से हैं। बावजूद इसके चुनाव नहीं हाे रहे हैं। जबकि, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, एनएसयूआई इसकी मांग कर रहा है।

ये नेता छात्र राजनीति से… {मोहन यादव- सीएम {वीडी शर्मा – प्रदेश अध्यक्ष भाजपा {शिवराज सिंह चौहान – केंद्रीय मंत्री {नरेंद्र सिंह तोमर – विधानसभा अध्यक्ष {विश्वास सारंग- मंत्री

इनका कहना है

^कैलेंडर में छात्रसंघ चुनाव को जरूर शामिल किया गया है। लेकिन, अभी इसे करवाने के लिए कोई निर्देश नहीं हैं। इस वजह से इस पर कोई प्रक्रिया नहीं हो रही। -डॉ. धीरेंद्र शुक्ला, ओएसडी, उच्च शिक्षा ^हम तो लगातार मांग कर रहे हैं कि छात्रसंघ चुनाव होना चाहिए। यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। फिर भी इसे क्यों बंद किया गया है। हमने सीएम से भी इस संबंध में मांग की है। -संदीप वैष्णव, प्रांत मंत्री, अभाविप ^छात्रसंघ चुनाव होना चाहिए। सरकार नहीं चाहती कि छात्रों की बात सुनी जाए। चुनाव बंद करना उनके अधिकारों का हनन है। चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होना चाहिए। -विवेक त्रिपाठी, युवा कांग्रेस, पूर्व एनएसयूआई नेता

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here