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सड़कों पर परेशान होते दिखे आमजन
– फोटो : अमर उजाला
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छतरपुर जिले में अधिकांश बसों का अवैध संचालन हो रहा है। मंगलवार को हुई मजिस्ट्रेट चेकिंग से आरटीओ विभाग और ट्रैफिक पुलिस की पोल खुल गई है। छतरपुर शहर के सागर रोड पर ललौनी तिराहा के पहले हो रही मजिस्ट्रेट चेकिंग के दौरान अधिकांश बसों ने परा चौकी से लेकर ढडारी तक सवारियों को बस से उतार दिया है, जिससे मासूम बच्चे, बूढ़े और जवान को लेकर महिला-पुरुष सभी सवारियां परेशान होती रही।
दरअसल, आज छतरपुर में मजिस्ट्रेट चेकिंग चल रही है, जिसने जिले के परिवहन और ट्रैफिक विभाग की पोल खोलकर रख दी है। मजिस्ट्रेट चेकिंग के चलते शहर के सागर रोड पर 6-7 किलोमीटर पहले बसों द्वारा सवारियों को उतार कर बसें वहीं खड़ी कर देना या फिर वापस मुड़कर जटाशंकर पेट्रोल पंप तक बसों को ले जाना, इस इस बात को सिद्ध करता है कि जिले में अधिकांश बसों का संचालन अवैध हो रहा है। यदि संचालक वैध होता तो इन सवारियों को विशेष कर महिला सवारियों को अपने मासूम बच्चों को लेकर इस धूप में रोड पर पैदल न चलना पड़ता।
पैदल जा रही परेशान सवारियों ने बताया यहां साईं राम की बस ने तो बैठी सवारियों को परा चौकी पर ही उतार दिया है। पीछे जटाशंकर पेट्रोल पंप जो कि चौका के आगे स्थित है, वहां अपनी गाड़ी लेकर चालक चला गया।
भला इन सवारियों का क्या दोष
खैर कुछ भी हो बस वालों की गलती की सजा पूरा पैसा देने वाली सवारियां भुगत रही हैं। वह तो पैसे देकर इन बसों पर गंतव्य पहुंचने हेतु सवार हुए थे। हां उनका दोष इतना है कि उन्होंने इतना साहस नहीं जुटा पाया कि वह बस स्टॉफ से पूछ सकते कि आपकी बस का संचालन अवैध तो नहीं है। यह कार्य तो परिवहन विभाग और पुलिस विभाग का है, जो उन्होंने अपने हाथ में नहीं लिया। भला इन सवारियों का क्या दोष है? ऐसे में गलती करने वाले विभाग और प्रशासन को चाहिए कि इन सवारियों को गंतव्य पर पहुंचाने की व्यवस्था कराई जाए।
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