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Those who have not performed tarpan for 14 days can also perform tarpan on Amavasya, Deepdaan will also be done | 14 दिन तर्पण न करने वाले भी अमावस्या को तर्पण कर सकतें हैं, दीपदान भी होगा – Sagar News

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पितृपक्ष का समापन 2 अक्टॅूबर बुधवार को पितृमोक्ष अमावस्या पर होगा। पितृपक्ष में बीते तेरह दिन से शहर की झील के किनारे घाटों पर सुबह जल तर्पण का क्रम जारी है। चकराघाट, चतुर्भुज, भट्टों घाट, बाबा घाट सहित विभिन्न स्थानों लोग अपने पूर्वजों को पंडितों के

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चकराघाट पर कई साल से तर्पण करवा रहे पं यशोवर्धन चौबे ने बताया कि पितृमोक्ष अमावस्या पर ऐसे सभी लोग तर्पण कर सकते हैं जिनको अपने पूर्वजों की तिथि का ज्ञान नहीं है या फिर अंतिम संस्कार तक भी न हो सका हो। अथवा किसी भी तरह से पूर्वजों को लेकर जानकारी अज्ञात हो तो भी अमावस्या पर किया गया पिंडदान और तर्पण मोक्षदायी माना जाता है। पं चौबे ने बताया कि अमावस्या पर कुशाओं की गांठ खोलकर पितृों के लिए दही,शहद और पेड़ा का अर्पण किया जाता है।

अमावस्या पर गुणानुदोष होता है। इसलिए मीठे और खट्‌टे का मिश्रण कागोर निकाली जाती है। इसको आदि व्याधि स्वरुप कहा जाता है। उन्होंने बताया कि अमावस्या पर पितृों की विदाई के लिए आटे से घर के बाहर की ओर चरण बनाए जाते हैं। पं चौबे ने बताया कि पितृमोक्ष अमावस्या पर दीपदान का भी विशेष महत्व है। प्रात: पिंडदान और शाम को दीपदान करने से पितृों की तृप्ति और मोक्ष की राह तय होती है। उन्होंने बताया कि पीपल या आंवले के वृक्ष के नीचे दीप प्रज्जवलित करना चाहिए।

दादा दरबार में 2501 दीप प्रज्जवलित किए जाएंगे पितृमोक्ष अमावस्या पर जय श्री दादा दरबार मंदिर परिसर में 2501 दीप प्रज्जवलित किए जाएंगे। दरबार के सेवक पं नितिन कोरपाल ने बताया कि लगातार चौथे साल यह आयोजन सामूहिक रुप से किया जा रहा है। यहां आकर कोई भी पितृों के निमित्त दीपदान कर सकता है। दीप प्रज्जवलन की सामग्री उपलब्ध रहेगी।

गायत्री शक्तिपीठ गोपालगंज में महायज्ञ

गायत्री शक्तिपीठ गोपालगंज में पितृमोक्ष अमावस्या पर गायत्री परिवार द्वारा परिसर में वैदिक विधान के साथ पांच वैश्य बाली महायज्ञ गायत्री यज्ञ के साथ होगा। यह जानकारी देते हुए पं अखिलेश पाठक ने बताया कि निशुल्क सामूहिक तर्पण विधान पितृपक्ष में रोजाना किया जा रहा है। यदि पितृपक्ष में कोई तर्पण नहीं कर पाया है तो वह अमावस्या पर तर्पण और यज्ञ में भाग लेकर इसका संपूर्ण फल प्राप्त कर सकता है। बुधवार को मंदिर परिसर में सुबह 7 बजे कार्यक्रम आरंभ होगा। उन्होंने बताया कि पितृपक्ष में सभी व्यवस्थाएं गायत्री परिवार की ओर से निशुल्क की गई। पं एमडी त्रिपाठी एवं धनीराम के मार्गदर्शन में तर्पण किया गया।

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