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परिष्कृति संस्था की अगुवाई में दो दिवसीय हास्य नाट्य समारोह के अंतर्गत कालिदास अकादमी में बात का बतंगड़ नाटक की प्रस्तुति की गई। सतीश दवे द्वारा लिखे और निर्देशित नाटक ने दर्शकों को बहुत गुदगुदाया।
इसकी कहानी एक काल्पनिक शहर की है। जहां एक कुत्ते कल्लू के मरने की अफवाह कल्लू नाम के आदमी के मर्डर में बदल जाती है। गैंगवार शुरू हो जाता है। इसी बीच में एक अधूरी प्रेम कहानी भी शुरू हो जाती है। सब मिलाकर ऐसा ताना-बाना बुन जाता है कि दर्शक नाटक में खो जाता है। सड़क पर बैठे जानवरों की समस्या हो या ऊंचे-ऊंचे स्पीड ब्रेकर के चुटीले व्यंग्य ने भी वर्तमान को जीवित कर दिया। नाटक में बेहतर अभिनय तो था ही संदेश भी दिया।
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