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The truck driver said I only drank one quarter of alcohol | कपड़ों से कर पाए लाशों की शिनाख्त: दमोह हादसे में बच्चों को खोने वाले पिता का दर्द-अब पानी कौन पिलाएगा, गीता पढ़ने कौन कहेगा – Madhya Pradesh News

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राकेश गुप्ता बेहोशी की हालत में पड़े हैं, परिजन उन्हें संभाल रहे हैं। कुछ देर बाद वे होश में आते हैं और रोते हुए कहते हैं, ‘मेरे छोटे-छोटे बच्चे मुझे पानी देते थे। गीता पाठ करने के लिए कहते थे। अब ये सब कौन कहेगा।’ इतना कहते ही वे फिर बेहोश हो जाते ह

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दमोह में 24 सितंबर को हुए सड़क हादसे में राकेश ने अपने दो जुड़वां बच्चों समेत पत्नी को खो दिया है। राकेश के भाई और परिवार के सदस्यों की भी मौत हुई है। बुधवार को जब गुप्ता परिवार के घर से 7 लोगों की अर्थियां एक साथ उठीं तो सभी की आंखें नम हो गईं।

दमोह के शोभानगर से एक साथ 7 अर्थियां उठीं तो पूरे इलाके में मातम पसर गया।

दमोह के शोभानगर से एक साथ 7 अर्थियां उठीं तो पूरे इलाके में मातम पसर गया।

बांदकपुर से दर्शन कर लौट रहा था परिवार

ये हादसा मंगलवार को उस समय हुआ, जब परिवार के सदस्य बांदकपुर से दर्शन कर दमोह लौट रहे थे। परिवार के 10 सदस्य ऑटो में सवार थे। इसी दौरान सामने से आ रहे ट्रक ने ऑटो को टक्कर मारी और 20 मीटर तक कुचलता चला गया।

ऑटो में सवार 7 लोगों की मौत मौके पर ही हो गई थी। 3 लोगों को गंभीर हालत में जबलपुर रेफर किया गया था। मंगलवार देर रात घायल महिला ने दम तोड़ दिया। बुधवार सुबह एक और युवक की मौत हो गई।

जिस ट्रक ने ऑटो को टक्कर मारी, उसका ड्राइवर शराब के नशे में धुत था। पुलिस ने उसे तत्काल गिरफ्तार कर लिया था। दैनिक भास्कर ने होश में आने के बाद जब ड्राइवर से बात की तो उसने कबूल किया कि वह शराब पीकर ट्रक चला रहा था। उसे याद ही नहीं कि हादसा कैसे हुआ?

ऑटो ट्रक के नीचे दबा था। इसमें फंसे लोगों को निकालकर अस्पताल ले जाया गया।

ऑटो ट्रक के नीचे दबा था। इसमें फंसे लोगों को निकालकर अस्पताल ले जाया गया।

परिजन बोले- श्राद्ध के लिए आए थे रिश्तेदार

दैनिक भास्कर की टीम जब गुप्ता परिवार के शोभानगर स्थित मकान पर पहुंची तो अंतिम संस्कार की तैयारियां की जा रही थीं। परिवार के सबसे बड़े सदस्य कल्लू गुप्ता ने बताया कि 23 सितंबर को उनके घर पर श्राद्ध का कार्यक्रम था। सभी रिश्तेदार आए थे। कार्यक्रम खत्म होने के बाद ज्यादातर घर लौट गए।

वे कहते हैं- मेरे दो छोटे भाइयों की शादी दो सगी बहनों से हुई थीं। उनके पिता और बड़ी बहन बिलासपुर से आए थे। वे रात में हमारे ही घर रुक गए। बहुओं के पिता हीरालाल ने 24 तारीख को कहा कि इतनी दूर से आए हैं तो बांदकपुर जाकर दर्शन कर लेते हैं। उनके साथ परिवार के बाकी सदस्य भी जाने को तैयार हो गए।

मैं, मेरी पत्नी, बच्चे और छोटा भाई राकेश नहीं गए। मौसी का बेटा आलोक गुप्ता सभी को ऑटो में दर्शन कराने ले गया था। जब वे लोग वापस लौट रहे थे, तब ये हादसा हुआ। मेरा पूरा परिवार ही खत्म हो गया। घटना के बाद से मेरा छोटा भाई पत्नी और बच्चों को खोने के गम में बेहोशी की हालत में है।

7 लोगों ने स्पॉट पर, दो ने अस्पताल में दम तोड़ा

गुप्ता परिवार के 7 सदस्यों की मौत मौके पर ही जबकि दो लोगों की मौत जबलपुर के अस्पताल में हुई थी। अंतिम संस्कार के लिए शवों के दमोह पहुंचने का इंतजार किया गया। ऑटो ड्राइवर आलोक गुप्ता का अंतिम संस्कार हटा नाके वाले मुक्तिधाम में किया गया। बाकी लोगों का अंतिम संस्कार जटाशंकर मुक्तिधाम में किया गया।

बिलासपुर के रहने वाले हीरालाल का अंतिम संस्कार परिजन बिलासपुर में करना चाहते थे लेकिन देरी होने की वजह से उनका अंतिम संस्कार भी बाकी लोगों के साथ किया गया। इस दौरान कलेक्टर-एसपी समेत पुलिस प्रशासन के अधिकारी और 2 हजार लोगों की भीड़ मौजूद रही।

अंतिम संस्कार के दौरान आम लोगों के अलावा पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।

अंतिम संस्कार के दौरान आम लोगों के अलावा पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।

परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब

गुप्ता परिवार के पड़ोस में रहने वाले लक्ष्मण प्रसाद कहते हैं कि राजेश गुप्ता जिनकी इस हादसे में मौत हुई, वे अपने भाई कल्लू गुप्ता के साथ चाट का ठेला लगाते थे। दूसरा भाई राकेश पल्लेदारी का काम करता है। पूरा परिवार झोपड़ीनुमा घर में रहता है।

वे कहते हैं- राजेश गुप्ता का इरादा सरकारी आवास योजना का फायदा उठाकर कच्चे मकान को पक्का बनाना था, लेकिन उसका सपना उसी के साथ चला गया।

लक्ष्मीनारायण बताते हैं कि परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। उन्हें आज तक सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली। अंतिम संस्कार में भी पड़ोसियों ने मदद की।

ऑटो ड्राइवर के बेटे को बाल आशीर्वाद योजना का फायदा मिलेगा

कलेक्टर सुधीर कोचर ने बताया कि ऑटो ड्राइवर आलोक की पत्नी का कोविड के दौरान निधन हो गया था। बेटे अर्श गुप्ता के सिर से अब माता-पिता का साया उठ गया है। उसकी देखभाल और पढ़ाई लिखाई की जिम्मेदारी प्रशासन की है। हम उसे मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना का पूरा फायदा दिलाएंगे।

एसपी ने कहा- ड्राइवर ने इस घटना से पहले 2 और एक्सीडेंट किए थे

एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया- ट्रक ड्राइवर को घटना के बाद ही गिरफ्तार कर लिया था। उससे पूछताछ के बाद पता चला कि वो अशोक नगर से अनलोड कर वापस लौटा था। उसकी मेडिकल जांच में ये बात निकलकर सामने आई है कि वो नशे में था।

हम सीसीटीवी कैमरे के जरिए उसके आने का रूट चेक करा रहे हैं। इस पूरी घटना के लिए ट्रक ड्राइवर ही जिम्मेदार है। नशे की वजह से उसका ट्रक पर कंट्रोल नहीं था। इस घटना से ठीक पहले उसने एक बैल को टक्कर मारी थी। चश्मदीदों के मुताबिक, ट्रक बिजली के खंभे और पेड़ से भी टकराते-टकराते बचा था।

ट्रक ड्राइवर बोला- कुछ याद नहीं, गलती हो गई

दैनिक भास्कर ने जब ट्रक ड्राइवर से बात की तो उसने अपना नाम धीरज लोधी बताया। वह छतरपुर जिले के बक्सवाहा के पास बिजावरपुरा गांव का रहने वाला है। पिछले 5 साल से ट्रक चला रहा है। धीरज ने कहा- घर में मां और छोटा भाई साथ रहते हैं। पिता का 17 साल पहले देहांत हो चुका है। खेती लायक जमीन है।

धीरज से घटना के बारे में पूछा तो बोला- मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है। मैंने सुबह 10 बजे दमोह बायपास के पास ढाबे पर शराब पी थी। इसके बाद 10 किमी गाड़ी चलाई। उस दौरान क्या हुआ, मुझे याद ही नहीं। अगले दिन मुझे थाने में होश आया।

भास्कर ने बताया कि नशे की हालत में उसने एक ऑटो को टक्कर मारी और 9 लोगों की मौत हो गई तो वह बोला- मुझसे गलती हो गई। मैं माफ करने लायक नहीं हूं। उससे पूछा- शराब क्यों पी थी तो बोला- थकान ज्यादा हो गई थी इसलिए शराब पी थी।

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