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बालाघाट में मंगलवार सुबह आजाद चौक में कांग्रेस के पूर्व विधायक अशोक सिंह सरस्वार और उनके बेटे जिला पंचायत अध्यक्ष सम्राट सिंह सरस्वार के कथित कब्जे वाले मकान पर उनकी बहन डॉली चौहान अपने पिता विनय सरस्वार, पति और बेटे के साथ हक जताने पहुंची। उन्होंने
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पिताजी ने घर खाली करने कहा तो उनके साथ मारपीट की: डॉली चौहान
डॉली का कहना है कि, यह माकन मेरे पिताजी को उनके मामा राणा हनुमानसिंह ने दान में दिया था। पर पिताजी ने बड़े पापा [अशोकसिंह सरस्वार] को बालाघाट विधानसभा चुनाव लड़ने के चलते इस घर में रहने की अनुमति दी थी। पर वक्त के साथ उन्होंने यहां कब्जा जमा लिया। इस दौरान उन्हें पिताजी ने घर खाली करने कहा तो उनके साथ मारपीट की और हमें यहां से भगा दिया। जिसके बाद हमने घर वापस पाने के लिए काफी प्रयास किए। आखिरकार हमे प्रशासन की मदद लेनी पड़ी।

2016 में पत्नी के देहांत के बाद मुझे यहां से निकाल दिया गया: विनय सरस्वार
विनय सरस्वार ने बताया कि, हनुमान सिंह सरस्वार ने मेरे नाम से यह मकान वसीयत में लिखा था। जिसके बाद सब भाई साथ में थे लेकिन 2016 में पत्नी के देहांत के बाद मुझे यहां से निकाल दिया गया। आज हम यहां आए है और अब हम यहां पर ही रहेंगे। सुबह इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेसियों और लोगों की भीड़ जमा हो गई। हालांकि यह पहली बार नही हैं, जब यह विवाद सार्वजनिक रूप से सामने आया है, तत्कालीन लोकसभा चुनाव में यह मामला सामने आया था जब डॉली चौहान ने मीडिया के सामने आकर इस घर पर अपना हक जताया था।

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