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वाचनालय केवल साहित्य के रूप में ज्ञान प्राप्त करने का स्थान नहीं है बल्कि संस्कार सीखने और बांटने की भी जगह होती है। आज के दौर में विद्यार्थियों के लिए बहुत सारे वाचनालय बनाने की जरूरत है जहां पर,बच्चे सोशल मीडिया, फेसबुक, व्हाट्सएप के स्थान पर सामाज
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उक्त बातें विभिन्न वक्ताओं ने आत्म अनुभूति मंच द्वारा साकेत नगर में विगत 9 वर्षों से संचालित नि:शुल्क स्वचालित लाइब्रेरी की स्थापना दिवस पर प्रकाशित पत्रिका का विमोचन करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कही।
महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक राजेश मेहरा ने लाइब्रेरी एवं बच्चों में संस्कार एवं सेवा की भावना पर प्रकाश डाला। प्रारंभ में पत्रिका के लेखक एवं संपादक राधेश्याम माहेश्वरी ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर मदन लोदवाल, धर्मराज बेनीवाल, अर्पित जायसवाल, नलिन खोईवाल, डॉ. उदवंत सिंह, प्रणिता दीक्षित, निशिता सोनी, प्रीति मकवाना आदि ने भी अपने विचार रखें।

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