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रैकवार समाज
– फोटो : अमर उजाला
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छतरपुर जिले में माझी जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष रामचरण रैकवार, संगठन मंत्री मोतीलाल रैकवार, संभागीय सह संगठन मंत्री आनंद रैकवार, पार्टी महासचिव सुंदरलाल रैकवार, ओमप्रकाश रैकवार, सतीश रैकवार, हीरो रैकवार सटई, जटाशंकर धाम समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र रैकवार एडवोकेट अवधेश रैकवार नारायण रैकवार, लल्लू राम रैकवार पूर्व शिव सेना के जिला अध्यक्ष मुन्नालाल रैकवार, पूर्व पार्षद सोहनलाल रैकवार पार्षद सटई, पप्पू रैकवार दादा मोहनलाल रैकवार, दादा हरिकिशन रैकवार, दादा छन्नू लाल, दादा बलदेव प्रसाद, बर्थडे रैकवार दादा भगवाधनीराम रैकवार भगवा, भैया रैकवार बड़ामलहरा, अमन रैकवार बड़ामलहरा, सतीश रैकवार पूर्व सरपंच बड़ामलहरा, पप्पू रैकवारचौकी पुरवा, हल्के निषाद रंनगूवा, गणेश रैकवार भैयाताल, पूर्व सरपंच रामस्वरूप रैकवार, अज्जुदि रैकवार बमनोर, डॉक्टर देवीदीन रैकवार, ठेकेदार दीनदयाल रैकवार, भग्गू रैकवार खोंप निवाड़ी, किशोरी रैकवार महेवा, गिरधारी रैकवार गोरा, पूर्व सरपंच धर्मपाल रैकवार खरका सहित जिले के अनेक कार्यकर्ता लगातार जनसंपर्क के दौरान समर्थन कर रहे हैं।
बता दें कि मध्य प्रदेश गठन से पूर्व प्रदेश में 1950 से लेकर 1976 तक माझी के विभिन्न घटक ढीमर भूमि केवट कर माला को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया है। 1984 में कांग्रेस की सरकार में माझी समाज को पिछड़ा वर्ग में डाल दिया, तब से समाज को भारी नुकसान उठाना पड़ा। पिछड़ा वर्ग ओबीसी सूची क्रमांक 12 से विलुप्त करने की मांग को लेकर पूरे मध्य प्रदेश में अब पदयात्राएं की जा रही हैं। प्रारंभ छतरपुर जिले की बड़ा मलहरा से जिला मुख्यालय छतरपुर तक प्रथम फेज में शुरुआत हुई है।
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