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फर्जीवाड़े और 420 के आरोप से बरी हुआ नाइजीरियन युवक जो कि बीते ढाई माह से जबलपुर पुलिस की कस्टडी में था, आखिरकार उसे सही सलामत उसके देश की बार्डर तक छोड़ दिया गया है। तीन दिन पहले जबलपुर एसपी आदित्य प्रताप सिंह के निर्देश और टीआई धीरज रात के नेतृत्व
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भारत की बार्डर पर एम.पी पुलिस के साथ सेल्फी लेते हुए ब्राउनी।
करीब ढाई माह तक सिविल लाइन थाने का मेहमान रहा नाइजीरिया निवासी जाॅन अनुबिरी उर्फ ब्राउनी को मध्य प्रदेश पुलिस में पदस्थ एक एएसआई विजय और दो आरक्षक संजुल और मुकेश सही सलामत इमीग्रेशन तक छोड़ कर आए। इमीग्रेशन वो जगह होती है जहां पर कि विदेशी व्यक्ति की सीमा भारत से हटकर उसके देश की होती है। जाॅन अनुबिरी को एमपी स्टेट साइबर पुलिस ने एक महिला के साथ ठगी करते हुए लाखों रुपए हड़पने के मामले में गिरफ्तार किया और फिर उसे कोर्ट में पेश किया था। नाइजीरियन युवक के सही सलामत उसके देश पहुंचने के बाद अब जबलपुर पुलिस ने भी रात की सांस ली है। बीते ढाई माह से ब्राउनी थाना प्रभारी धीरज राज की निगरानी में थाने में रह रहा था, इसकी निगरानी के लिए 24 घंटे एक पुलिस आरक्षक की ड्यूटी भी थाना प्रभारी के द्वारा लगाई गई थी।
जबलपुर के विजय नगर में रहने वाली एक महिला से ब्राउनी, और उसके तीन साथी हरेंद्र सिंह, बद्रीश मिश्रा और शिवम गुप्ता ने 16 लाख 26 हजार रुपए ऐंठे थे। बद्रीश मिश्रा ने शादी डॉट कॉम पर महिला से दोस्ती की। उसने बताया कि वह लंदन का रहने वाला है और पेशे से डॉक्टर है। अपना नाम मैक्स विलियम बताकर शादी का प्रपोजल रखा। बातचीत शुरू हुई तो महिला ने अपना मोबाइल नंबर दे दिया। दोनों के बीच बातचीत होती रही, इसके बाद 3 मार्च 2018 को बद्रीश ने हरेंद्र, शिवम और ब्राउनी के साथ मिलकर महिला को फोन लगाया। उसने कहा कि वह लंदन से भारत आया है। उसके लिए गिफ्ट लाया है, लेकिन कस्टम वालों ने रोक लिया है।

ब्राउनी अपने देश जाने ने पहले बोला धन्यवाद एमी और जबलपुर पुलिस।
मदद के नाम पर उसने महिला से उसके बैंक खाते में भारतीय रुपए डालने को कहा। कहानी बताकर महिला से 16 लाख 26 हजार रुपए अपने बैंक खाते में जमा करा लिए। पैसे जमा कराने के बाद मोबाइल बंद कर लिया। ठगी का पता लगने पर अप्रैल 2018 को महिला ने स्टेट साइबर सेल ऑफिस में शिकायत की थी।स्टेट साइबर सेल ने ब्राउनी को द्वारिका (दिल्ली), उसके साथी हरेंद्र सिंह और शिवम गुप्ता को कानपुर और बद्रीश मिश्रा को दिल्ली से पकड़ा था। जबलपुर कोर्ट ने जेल भेजा, तीन साल जेल में रहे, 2021 में चारों जमानत पर बाहर आ गए।
शिवम, बद्रीश और हरेंद्र अपने-अपने घर चले गए, जबकि वीजा और पासपोर्ट नहीं होने पर ब्राउनी दिल्ली में रुका रहा। मामले में सुनवाई चल रही थी। पेशी के लिए ब्राउनी को कई बार नोटिस भेजे गए। जब वह नहीं आया तो उसके खिलाफ स्थाई वारंट निकाला गया। स्टेट साइबर सेल ने उसे जून 2024 में दिल्ली से दोबारा गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। एक महीने तक जबलपुर सेंट्रल जेल में रहने के बाद जुलाई 2024 में पंचम सत्र अपर न्यायाधीश की कोर्ट ने ब्राउनी को दोषमुक्त कर दिया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल (जबलपुर) से बाहर आने पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने ब्राउनी को अपने साथ रखा है। सिविल लाइन थाना प्रभारी धीरज राज ने कहा कि ब्राउनी के वीजा की वैधता खत्म हो गई है। वह यहां अच्छे से रह रहा है। कभी-कभी अपनी बहन से बात करता है।थाना प्रभारी धीरज राज ने बताया कि जबलपुर पुलिस ने दिल्ली दूतावास जाकर ब्राउनी को नाइजीरिया भिजवाने के लिए तैयारी की और आखिरकार भारत से नाइजीरिया तक भिजवाने में सफल भी हुए। करीब डेढ़ से दो लाख रुपए का खर्च मध्यप्रदेश पुलिस को उसके नाइजीरिया तक पहुंचने लगा है। एक एएसआई और दो पुलिस आरक्षक की टीम ने जबलपुर से मुंबई और फिर केन्या के रास्ते ब्राउनी को नाइजीरिया तर पहुचाईं है। ब्राउनी गरीब घर से है। उसके परिवार के पास इतने पैसे नहीं है कि उसे लाने के लिए खर्च कर सकें। यही वजह है कि भारत सरकार ब्राउनी को उसके देश तक छोड़ने का खर्च उठा रही है।

थाना प्रभारी धीरज राज ने बताया कि ढाई माह से हमारे सिविल लाइन में था ब्राउनी।
2015 में वीजा लेकर भारत आया था ब्राउनी 2015 में ब्राउनी अपने कुछ दोस्तों के साथ वीजा और पासपोर्ट लेकर भारत आया था। दिल्ली में उसने ऑटो पार्ट्स का काम किया। इस दौरान वह बद्रीश, शिवम और हरेंद्र के संपर्क में आया और साइबर फ्रॉड करना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि जबलपुर की महिला के अलावा इन लोगों ने और भी कई महिलाओं के साथ शादी डॉट कॉम के जरिए ठगी की है। दिल्ली में ही इन लोगों ने किराए का एक घर ले रखा था। यहीं से अपने पूरे सिस्टम को चलाते थे। इन लोगों ने अलग-अलग नाम से बैंक के खाते भी खोल रखे थे।
अमीर महिलाओं को सर्च कर बनाते थे टारगेट
ब्राउनी के ग्रुप के सभी सदस्यों का अलग-अलग काम था। हरेंद्र, बद्रीश और शिवम शादी डॉट काम में ऐसी महिलाओं को सर्च करते थे, जिनकी प्रोफाइल हाईफाई होती थी। अमीर महिलाओं की लिस्ट बनाने के बाद ब्राउनी का काम होता था फर्जी नाम से वेबसाइट पर प्रोफाइल बनाकर अंग्रेजी में बात करना। 5वीं पास ब्राउनी की इंग्लिश बहुत अच्छी है। जब कभी भी वह किसी महिला से बात करता तो वह इंप्रेस हो जाती। यही कारण था कि बहुत ही आसानी से शादी डॉट काम में अच्छे घर की महिलाएं भी इसके झांसे में आ जाती थीं।
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