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Patwari said- Politics was once a platform for public service, now it has become a game; Rahul Gandhi; Jeetu Patwari; MP Congress | पटवारी बोले-राजनीति कभी जनसेवा का मंच थी,अब खेल बन गई: PCC चीफ ने कहा- राहुल गांधी पर लगाए आरोप BJP की विकृत मानसिकता का प्रतीक – Bhopal News

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केन्द्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्‌टू, यूपी सरकार के मंत्री रघुराज सिंह सहित तमाम बीजेपी नेताओं द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर किए जा रहे जुबानी हमलों का एमपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने जवाब दिया है। पटवारी ने ऐसे बयानों को बीजेपी क

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केन्द्रीय मंत्री रवनीत बिट्‌टू ने राहुल गांधी को नंबर वन आतंकवादी कहा, कांग्रेस इस बयान का विरोध कर रही है।

केन्द्रीय मंत्री रवनीत बिट्‌टू ने राहुल गांधी को नंबर वन आतंकवादी कहा, कांग्रेस इस बयान का विरोध कर रही है।

प्रधानमंत्री की चुप्पी वाचाल वर्ग को प्रोत्साहन दे रही पटवारी ने आगे लिखा- यह कहने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए कि स्‍तर की इस गिरावट पर प्रधानमंत्री की चुप्पी, वाचाल-वर्ग को प्रोत्साहन दे रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर भाजपा द्वारा लगाए जाने वाले अनर्गल आरोप इसी विकृत मानसिकता का परिचायक हैं। भारतीय जनता पार्टी का बार-बार राहुल गांधी के खिलाफ इस प्रकार के आरोप लगाना उनके राजनीतिक भय का भी सबसे बड़ा प्रमाण है। चूंकि, राहुल जी देश हित में सरकार से लगातार सवाल पूछते हैं। गांव, गरीब, मजदूर और किसान की आवाज उठाते हैं। महिला उत्पीड़न के मसलों को राष्ट्रीय मुद्दा बनाते हैं। इसलिए, प्रधानमंत्री के संरक्षण और प्रोत्साहन से केंद्र सरकार की मंत्री से लेकर अलग-अलग राज्यों की विधायक तक, गैर जरूरी आरोप लगाते हैं।

राजनीति में व्यक्तिगत हमलों का चलन बढ़ा भाजपा की पॉलिटिकल पॉलिसी के तहत व्यक्तिगत हमले का चलन काफी बढ़ गया है। भाजपा द्वारा राहुल जी पर लगाए जाने वाले आरोप न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन पर होते हैं, बल्कि उनके राजनीतिक कद को भी चुनौती देने का असफल प्रयास भी होता है। विकृत और विपरीत विचारधारा का यह कृत्य भाजपा के वरिष्ठ नेता भी करते रहते हैं। यह तंज राजनीति में किसी विचारधारा या नीति पर चर्चा से दूर, व्यक्तिगत अपमान और उपहास की ओर इशारा करता है। ऐसे शब्दों और आरोपों का उद्देश्य केवल राहुल जी की छवि खराब करना होता है। भाजपा हर बार यह भूल जाती है कि उनकी ऐसी ही तमाम कोशिशों से राहुल जी की छवि जननायक के रूप में ज्यादा ताकत से उभर आती है।

भाजपा की विकृत मानसिकता का प्रतीक भाजपा के नेताओं द्वारा राहुल गांधी पर लगाए गए बेबुनियाद आरोप भाजपा की विकृत मानसिकता का प्रतीक है। राजनीति में स्वस्थ बहस और विचार-विमर्श की बजाय, जब आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति होती है, तो यह केवल समाज के भीतर विभाजन और दरार पैदा करती है। ऐसे आरोप भाजपा के उस मानसिकता का उदाहरण हैं, जहां विरोधियों का सम्मान नहीं किया जाता। एक स्वस्थ लोकतंत्र में विपक्षी दलों की अहम भूमिका होती है, लेकिन भाजपा के लिए विपक्ष केवल आलोचना का शिकार बनता है। यह मानसिकता न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान करती है, बल्कि यह दिखाती है कि भाजपा किस तरह से सत्ता के लालच में किसी भी हद तक जाने को तैयार रहती है।

राजनीति का गिरता स्तर राहुल जी पर अनर्गल आरोप भारतीय राजनीति के गिरते स्तर का भी प्रमाण है। राजनीति कभी विचारधारा और जनसेवा का मंच हुआ करती थी, लेकिन अब यह एक खेल बन गई है, जिसमें व्यक्तिगत हमले और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया जाता है। भाजपा के झूठे अहंकार के कारण ही आज के दौर में राजनीतिक पार्टियों के बीच स्वस्थ बहस का अभाव है। नीति, योजनाओं और जनता की समस्याओं पर चर्चा की बजाय, व्यक्तिगत हमले ज्‍यादा होते रहते हैं। यह स्थिति न केवल भाजपा के गिरते स्तर को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि किस तरह से केंद्र की सत्ता से लेकर कई राज्यों में सरकार चल रही भाजपा सत्ता की लालसा में लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक मूल्यों को पीछे छोड़ चुकी है।

जनता के मुद्दों से भटकाव आज के राजनीतिक दौर की सच्चाई यह है कि राहुल जी पर लगाए जाने वाले आरोप और व्यक्तिगत हमले केवल एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं होते, बल्कि यह जनता के असल मुद्दों से ध्यान भटकाने का एक तरीका हैं। जब राजनीतिक दल जनता की समस्याओं को हल करने में विफल होते हैं, तो वे अपने विरोधियों पर आरोप लगाकर अपनी असफलताओं को छिपाने का प्रयास करते हैं। राहुल जी पर भाजपा के हमले भी इसी रणनीति का हिस्सा हैं। सरकार की नीतियों और योजनाओं पर आलोचना का सामना करने की बजाय, भाजपा राहुल जी को निशाना बनाकर अपनी असफलताओं को छिपाने का प्रयास करती है। इससे न केवल जनता के मुद्दों की अनदेखी होती है, बल्कि यह राजनीति के मूल उद्देश्य को भी कमजोर करता है।

यूपी सरकार के मंत्री रघुराज सिंह ने चार दिन पहले इंदौर में राहुल गांधी को नंबर एक का आतंकवादी कहा था। कांग्रेस रधुराज पर एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रही है।

यूपी सरकार के मंत्री रघुराज सिंह ने चार दिन पहले इंदौर में राहुल गांधी को नंबर एक का आतंकवादी कहा था। कांग्रेस रधुराज पर एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रही है।

लोकतंत्र मूल्‍यों पर खतरा राहुल जी पर लगाए जाने वाले आरोप और भाजपा द्वारा अपनाई गई यह रणनीति भारतीय लोकतंत्र के लिए भी एक बड़ा खतरा है। प्रजातंत्र की मौलिक परिभाषा में यह एक स्थापित तथ्य और सत्य है कि स्वस्थ लोकतंत्र में विपक्ष का स्थान और सम्मान महत्वपूर्ण होता है। विपक्ष सरकार की नीतियों की आलोचना करता है और जनता की आवाज उठाता है। लेकिन, जब विपक्ष के शीर्ष नेतृत्व पर नितांत निराधार व्यक्तिगत हमले होते हैं, तो यह सदन की गरिमा और गंभीरता के साथ लोकतंत्र की नींव को कमजोर करता है। राहुल जी पर लगाए गए आरोप अल्पजीवी चर्चा तो बटोर लेते हैं, लेकिन लोकतांत्रिक प्रणाली के प्रति जनता के विश्वास को कमजोर कर देते हैं। इससे जनता के बीच यह संदेश जाता है कि राजनीति में विचारधारा और सिद्धांतों की बजाय व्यक्तिगत हमले ही प्रमुख हो गए हैं। वैचारिक लड़ाई में पिछड़ गई भाजपा भाजपा शायद भूल गई है लेकिन देश की जनता इस सच को बखूबी जानती है कि राहुल जी पर भाजपा द्वारा लगाए गए आरोप केवल व्यक्तिगत हमले नहीं, बल्कि वैचारिक लड़ाई का हिस्सा हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों की विचारधाराएं अलग-अलग हैं और यह वैचारिक संघर्ष भारतीय राजनीति के केंद्र में है। भाजपा अपनी नफरत से भरी विचारधारा और बंटवारे की राजनीतिक भावना को बढ़ावा देती है, जबकि कांग्रेस एक धर्मनिरपेक्ष और समावेशी समाज की वकालत करती है। इस वैचारिक संघर्ष में बार-बार हारने के बावजूद भाजपा राहुल जी को केवल इसलिए निशाना बनाती है, क्योंकि वह कांग्रेस की विचारधारा के आगे आज भी खुद को बहुत बौना पाती है। परास्‍त होती है, लेकिन फिर भी बेशर्मी से लड़ती रहती है।

जनता की अदालत में अब जनता की ही जिम्मेदारी राजनीति में गिरते स्तर और अनर्गल आरोपों के इस दौर में जनता की भी एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। जनता को यह समझना होगा कि भाजपा आरोप-प्रत्यारोप के बजाय, असली मुद्दों से ध्यान भटकना चाहती है। राहुल जी पर लगाए गए आरोप केवल राजनीति का हिस्सा हैं, लेकिन जनता को यह समझना होगा कि यह आरोप केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए लगाए जाते हैं। जनता को इसी सच और झूठ के बीच फर्क करना भी सीखना ही होगा। यह देखना भी होगा कि कौन से राजनेता उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। एक स्वस्थ लोकतंत्र में विचारधारा, नीति और जनता की समस्याओं पर चर्चा होनी चाहिए, न कि व्यक्तिगत हमलों और आरोपों का खेल। जनता को सचेत रहना होगा और यह देखना होगा कि राजनीति में कौन से नेता असली मुद्दों पर ध्यान दे रहे हैं और कौन केवल सत्ता की लालसा में असत्य का सहारा ले रहे हैं। राहुल जी पर भाजपा द्वारा लगाए गए आरोप केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं हैं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र, राजनीति और समाज के मूल्यों पर भी हमला हैं। जनता को यह समझना होगा कि यह राजनीति का गिरता स्तर है और इसे सुधारने की जिम्मेदारी जनता पर ही है।

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