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राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू गुरुवार 19 सितंबर को उज्जैन आएंगी। राष्ट्रपति महाकाल लोक के मूर्तिकारों से संवाद करेंगी। इन मूर्तिकारों ने मंगलवार को भास्कर को मूर्तिकला के अनुभव बताए। उन्होंने कहा राष्ट्रपति से संवाद को लेकर काफी उत्सुक हैं। मूर्तिकारों न
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अब महाकाल लोक में शिव और सप्त ऋषियों की पत्थर की मूर्तियां बना रहे हैं। सबसे पहले भास्कर ने खबर ब्रेक की थी कि महाकाल लोक में पत्थर की मूर्तियां लगेंगी। पत्थर की सप्त ऋषियों की मूर्तियों का 70 प्रतिशत काम हो चुका है। डेढ़ महीने में बनकर तैयार हो जाएंगी। यह तस्वीर भी सबसे पहले भास्कर में देखिए…।
सबसे पहले भास्कर में देखिए सप्तऋषि और भगवान शिव की पत्थर की मूर्तियां
सप्त ऋषियों की मूर्ति तराश रहे
ओडिसा के पुरी जिले में घर है। कोणार्क स्थित सूर्य मंदिर हमारे पूर्वजों ने बनाया था। हमारे पिता मुरलीधर महाराणा ने दिल्ली में शिवजी और भगवान जगन्नाथ का मंदिर बनाया था। मैंने कोणार्क में मूर्तिकला की ट्रेनिंग ली। मैं राष्ट्रपति भवन में जगन्नाथ रथ बना चुका हूं। अभी सप्त ऋषियों की मूर्तियां बना रहे हैं। -(जैसा मूर्तिकार ईश्वरचंद्र महाराणा ने बताया)
ओडिशा का तारा तारणी मंदिर, पुरी का गरुड़, राजीव गांधी की समाधि बनाई
मूर्ति कला पिता (अक्षय महाराणा) से सीखी। वे 35 साल से मूर्तिकला का काम कर रहे हैं। अभी हम महाकाल लोक में शिवजी की पत्थर की मूर्ति बना रहे हैं। 70 प्रतिशत काम हो चुका है। डेढ़ माह में बनकर तैयार हो जाएगी। पिता ने राजीव गांधी की समाधि भी बनाई थी। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में काम किया है। मैंने पद्मभूषण रघुनाथ महापात्रा के पास 15 साल मूर्ति कला का काम किया है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और अटलबिहारी वाजपेयी के समय काम किया। ओडिशा का तारा तारणी मंदिर बनाया है। पुरी का गरुड़ बनाया। (जैसा ओडिसा के मूर्तिकार आदित्य महाराणा ने बताया)
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