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Even after 34 years the administration did not warn | 34 साल बाद भी नहीं चेता प्रशासन: तरण ताल पर पुरानी भूल दोहराने की कवायत जारी – datia News

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चार दिन पहले तरण ताल और लाला के तालाब के बीच सड़क काटने के कारण निचली बस्तियों में जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसके चलते बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। प्रशासन और नगर पालिका ने इस गंभीर समस्या से कोई सबक नहीं लिया है। साल 1990 में ठीक इन्हीं परिस

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जिस का नतीजा यह हुआ कि 34 साल बाद जब तरन ताल में दोबारा खतरे की सीमा से ऊपर जल भराव हुआ तो सड़क फिर काटनी पड़ी। 34 वर्ष पहले की गई भूल का ही नतीजा था कि दोबारा सड़क काटने की नौबत आई। यदि उसी समय प्रशासन या संबंधित विभाग पुलिया अथवा पाइप डालकर उचित जल निकासी की व्यवस्था की कर देती तो पानी के एकाएक दबाव से लाला के तालब के फट पड़ने और निचली बस्तियों के डूबने की परिस्थिति बनती ही नहीं। लेकिन प्रशासन ने पिछली घटनाओं से सबक नहीं लिया और पुरानी भूल ही दोहरा रहा है।

तरन ताल में हुए कटाव को पूरी तरह मिट्टी से भर कर एक बार फिर लिपा पोती की जा रही है। पुलिया निर्माण या पाइप डालकर जल निकासी प्रबंधन की ओर ध्यान ही नहीं दिया गया है। जिस के चलते आगामी बरसातों में इस सड़क को फिर से काटने की जरूरत पड़ सकती है। दतिया एसडीएम ऋषि कुमार सिंघई का कहना है कि प्रॉपर तरीके से भराव कर रहे है।

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