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श्योपुर जिले के आदिवासी बाहुल्य ब्लॉक कराहल के अचार वाला सहराना गांव में पंचायत के सरपंच-सचिव ने ग्रामीणों की मांग के बाद भी कच्चे रास्तों पर पक्की सड़क का निर्माण नहीं कराया। परेशान महिला श्रद्धालु जानकी बाई आदिवासी को कीचड़ से सने हुए रास्ते पर दंड
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ग्रामीणों को कीचड़ से सने हुए रास्तों से आवाजाही करनी पड़ती है। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाओं के फिसलकर गिरने का खतरा बना रहता है। इसे लेकर कई बार ग्रामीण गांव में पक्की सड़क बनवाए जाने की मांग कर चुके हैं। लेकिन किसी ने भी उनकी फरियाद नहीं सुनी।

अब रविवार को आदिवासी महिला जानकी बाई को अपने घर से कराहल क्षेत्र के प्रसिद्ध पनवाड़ा माता के मंदिर तक दंडोती लगाने के लिए कीचड़ में दंडोती लगानी पड़ी। कीचड़ की वजह से महिला श्रद्धालु का पूरा शरीर कीचड़ से गंदा हो गया।
मामले का वीडियो ग्रामीणों के द्वारा वायरल होने के बाद स्थानीय लोग सिस्टम पर सवाल खड़े करते हुए कह रहे हैं कि ग्राम पंचायत के पास फिजूल के कार्य और फर्जी बिल लगाने के लिए पर्याप्त राशि है। लेकिन आदिवासी बस्ती में सड़क और नाला निर्माण के लिए रुचि नहीं ली जा रही।

सभी लोग परेशान
इस बारे में अचार वाला सहराना निवासी महिला जानकी बाई का कहना है कि वह अकेले नहीं बल्कि, पूरी बस्ती के लोग कीचड़ की वजह से परेशान हैं। कीचड़ से दंडवत करके मैंने प्रशासन का ध्यान इस ओर खींचने का प्रयास किया है। हम इसी तरह से मंदिर पर दंडवत करने के लिए कीचड़ से गुजरते हैं।
इस बारे में ग्राम पंचायत कराहल के सचिव अंतर सिंह यादव के फोन पर दो बार कॉल किया लेकिन, उनका कॉल रिसीव नहीं हुआ। सरपंच उर्मिला डोभासकर का मोबाइल नंबर उपलब्ध नहीं हुआ है।
मैं जनपद सीईओ से बात करूंगा
इस बारे में कराहल के एस़डीएम संजय जैन का कहना है कि यह ग्राम पंचायत की लापरवाही है। मैं जनपद सीईओ से बात करके वहां सड़क और नाला निर्माण कराने के लिए कहूंगा।
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