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खुदी और गड्ढे वाली सड़कें, ध्वस्त ड्रेनेज-सीवरेज सिस्टम के कारण शहर में जलजमाव और गंदगी बढ़ रही है। इसके दुष्परिणाम बढ़ती बीमारियों के रूप में सामने आने लगे हैं। वर्तमान स्थिति में एमवाय अस्पताल की ओपीडी में रोजाना पहुंचने वाले मरीजों की संख्या डेढ़ से द
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जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम का दावा है कि लार्वा पर छिड़काव और रोजाना फॉगिंग की जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दी जुकाम, वायरल के मरीजों में डेंगू, चिकनगुनिया के लक्षण मिश्रित रूप से आ रहे हैं। इसकी बड़ी वजह रुका हुआ पानी, गंदगी और हरियाली के कारण होने वाले मच्छर हैं।

शहर में जगह-जगह फैली है गंदगी कान्ह नदी का गंदा पानी पूरे शहर के लिए परेशानी बन रहा है। इसके किनारे के दोनों ओर बड़ा आबादी क्षेत्र है। शहर की कॉलोनियों में सड़कों की सफाई नजर आ जाएगी, लेकिन बैकलेन, खाली प्लाॅट, ग्रीन बेल्ट की जगह गंदगी पसरी है। आधे-अधूरे निर्माण कार्यों के गड्ढों में जलजमाव हो गया है। दूरस्थ कॉलोनी क्षेत्रों में ड्रेनेज ही नहीं हैं। इससे गंदा पानी फैला हुआ है। कई स्थानों पर खाली प्लॉट कचरे के घर बन गए हैं।
हर क्षेत्र से आ रहे मरीज-स्वास्थ्य विभाग के अनुसार हर क्षेत्र से मरीज हॉस्पिटल में पहुंच रहे हैं। भंवरकुआं, जानकी नगर, तीन इमली, पालदा, मूसाखेड़ी, अलकापुरी, योजना 94, पीपल्याहाना, बिचौली, खजराना, बंगाली चौराहा, निपानिया, लसूड़िया मोरी, विजय नगर, निरंजनपुर, महालक्ष्मी नगर, परदेशीपुरा, बाणगंगा, सांवरिया नगर, प्रजापत नगर आदि।
लगातार बढ़ती बीमारियों को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों के अपने-अपने दावे
^मलेरिया अधिकारी डॉ. दौलत पटेल के अनुसार पिछले साल की तुलना में इस बार स्थिति ज्यादा खराब है। इस साल डेंगू के प्रकरण लगातार बढ़ रहे हैं। इस साल जनवरी से अब तक 348 केस रिपोर्ट हुए हैं। हमारी टीमें लगातार भ्रमण कर रही हैं। जहां भी खुले में साफ पानी मिलता है, छिड़काव कर हटाने की चेतावनी दे रहे हैं।
^एमवाय अधीक्षक डॉक्टर अशोक यादव का कहना है कि इस मौसम में सर्दी जुकाम, वायरल आम बात है। इस बार लगातार बारिश होने से मौसम की स्थिति भी कुछ बदली हुई है। इससे वायरस भी अपना स्वभाव बदल रहा है। इसी कारण वायरल बुखार के साथ डेंगू और चिकनगुनिया प्रभावी हो रहा है। सामान्य तौर पर एक दम लक्षण सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन जांच में दोनों मिल रहे हैं। वायरस कुछ बढ़े स्वरूप में है, इसलिए इलाज में सावधानी बरतें, क्योंकि इस बार अच्छे होने में भी 7 से 10 दिन का समय लग रहा है।
^ नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अखिलेश उपाध्याय का कहना है कि जलजमाव के कारण परेशानी हो रही है। सफाई के लिए तो अभियान जारी है। मच्छरों के लिए कार्रवाई जारी है। लगातार छिड़काव और फॉगिंग कर रहे हैं।
समाधान- सावधानी रखें, संक्रमितों से दूर रहे, मास्क लगाएं
- अभी बारिश का मौसम जारी है। भींगने से बचें। छाता या रेनकोट लेकर निकलें।
- संभव हो सके तो मास्क लगाकर बाहर निकलें
- बारिश कम होने पर सड़कें सूखेंगी, धूल भी उड़ेगी, इसलिए आंखों और त्वचा की सुरक्षा के लिए सफाई रखें।
- साफ धुले हुए कपड़े पहनें और संक्रमितों से बचें।
- अपनी इम्युनिटी बनाएं रखने के लिए खानपान पर ध्यान दें।
- अपने आसपास सफाई रखें, जल जमाव नहीं होने दें। गंदा और साफ दोनों तरह का।
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