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जिला कोर्ट।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
मोर्हरम के समय इंदौर के जिस कर्बला मैदान पर मेला लगता है। उसके स्वामित्व को लेकर जिला कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने निगम के पक्ष में डिक्री पारित की है। सात एकड़ जमीन पर वक्फ बोर्ड भी अपना हक जताता है।
जमीन के कुछ हिस्से में धोबीघाट भी बना हुआ है। इस जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। मैदान में एक पेड़ के नीचे हनुमान भगवान क चबूतरा बना है। जहां हर मंगलवार को आरती होती है। जब तीन दिन कर्बला मैदान पर मेला लगता है और मंगलवार को आरती होती है तो अक्सर विवाद की स्थिति बन जाती है।
नगर निगम ने जमीन को लेकर पहले वाद दायर किया था, जिसे वर्ष 2019 को कोर्ट ने निरस्त कर दिया था। निगम ने तब अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि जमीन पर नगर निगम का हक है। सरस्वती नदी के किनारे पर ताजिए ठंडे किए जाते हैं।
पूरी जमीन उपयोग में नहीं आती है। निगम ने फिर दीवानी अपील दायर की थी। जिसे स्वीकारते हुए कोर्ट ने निगम के पक्ष में डिक्री पारित कर दी। निगम की अपील में वक्फ बोर्ड और कर्बला पंच कमेटी को भी पक्षकार बनाया था। निगम ने तर्क दिया था कि वह जमीन का मालिक है, लेकिन जमीन पर अतिक्रमण किया जा रहा है।
होलकर स्टेट ने दी थी जमीन
प्रतिवादी पक्ष वक्फ कमेटी व कर्बला पंच कमेटी ने कोर्ट में कहा था कि होलकर स्टेट के समय जमीन मोर्हरम मनाने और ताजिए ठंडे करने के लिए दी गई थी। इस जमीन का पंजीयन वक्फ बोर्ड की संपत्ति के रूप में वर्ष 1984 को किया गया है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें व साक्ष्य देखने के बाद फैसला सुनाया।
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