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भगवान की प्राप्ति करने एवं अपने सभी दुखों की मुक्ति के लिए हमें सबसे पहले अपने हृदय को शांत और निर्मल बनाना पड़ेगा| काम, क्रोध, मद,लोभ जब हमारे अंतःकरण से दूर हो जाएंगे तो हमें अपने आप असीम शांति एवं भगवान की कृपा प्राप्त हो जाएगी| भोपाल के बिट्टन मा
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श्री कृष्ण जन्म की कथा कहते हुए उन्होंने कहा कि कंस और शिशुपाल ने कृष्ण से शत्रु के संबंध बनाए लेकिन गोकुल वासियों ने उन्हें अपना संबंधी बनाया गोपियों ने कृष्ण को अपना प्रेमी मान कर पूजा, भक्त जिस भाव से भगवान को भजता है भगवान उसे उसी भाव से रीझ कर तार देता है मनुष्य को भी प्रयास करना चाहिए की वह भी अपने भगवान से किसी न किसी रूप में संबंध स्थापित करे तो सुखी जीवन को प्राप्त कर भव सागर से पार हो सकता है।

भगवान कृष्ण के जन्म पर बधाई गीत एवं बच्चों को खिलौने लुटाए गए वहीं श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया| प्रारंभ में मुख्य यजमान स्वदेश सरोज सोनी, एमपी उपाध्याय, राजेश मिश्रा, महेश मालवीय, कृष्णा अग्रवाल एवं मनोज मिश्रा ने व्यासपीठ का पूजन किया|
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