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Forest workers accused DFO of taking bribe | वनकर्मियों ने डीएफओ पर लगाए रिश्वत लेने के आरोप: कहा- सरकारी आवास अपात्र ​​​​​​​सुरक्षा श्रमिकों को दिए, कर्मचारियों के रहने पर किया सस्पेंड – Sheopur News

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शुक्रवार शाम श्योपुर के सामान्य वन मंडल के वनकर्मियों ने अपनी बीबी और बच्चों के साथ डीएफओ कार्यालय में पहुंचकर डीएफओ सीएस चौहान को ज्ञान का पाठ पढ़ा दिया। इस दौरान वनकर्मियों ने डीएफओ पर भेदभाव की कार्रवाई करने और रिश्वतखोरी करने तक के आरोप लगा दिए।

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वनकर्मियों का यह रुप देखकर डीएफओ हक्के-बक्के रह गए। ऑफिस स्टाफ के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर समझाइश देकर मामला शांत कराया।

डीएफओ पर लगाए रिश्वत लेने के आरोप

मामला सामान्य वन मंडल के डीएफओ कार्यालय का है। जहां विभाग के कुछ वनकर्मियों ने अपनी पत्नी और बच्चों के साथ डीएफओ कार्यालय पहुंचकर डीएफओ एसएस चौहान को पहले ज्ञान का पाठ और शासन की नियमावली पढ़ाई, इसके बाद शालीनता पूर्वक भेदभाव पूर्वक कार्रवाई और प्रताड़ना देने के आरोप लगाए।

वनकर्मियों बोले- नियमविरुद्ध तरीके से बांटे गए सरकारी आ‌वास

वनकर्मियों का आरोप है कि सरकारी आ‌वासों में नियमविरुद्ध तरीके से अपात्र होते हुए भी रह रहे सुरक्षा श्रमिकों को तो सरकारी आ‌वासों में अवैध तरीके से रहने दिया जा रहा है। लेकिन, विभाग के वनकर्मियों को जिन्हें शासन की नियमावली में सरकारी आ‌वासों में रहने का अधिकार है।

उन्हें आवासों में रहने पर निलंबित किया गया है और उनके आ‌वास की बिजली व पानी की लाइन काट दी गई है। इससे उनके बीबी बच्चों को परेशानी हो रही है। उन्होंने आरोप लगाए हैं कि सुरक्षा श्रमिक अपात्र हैं। लेकिन, उन्हें सरकारी आवास में रहने दिया जा रहा है। क्योंकि, उन्होंने मोटी रिश्वत विभाग के अधिकारियों को दी है। जबकि, वनकर्मियों ने रिश्वत नहीं दी। इस वजह से उन्हें इस तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है।

वनकर्मी बोले- उन पर भी कार्रवाई करो, डीएफओ बोले जांच कराएंगे

सुरक्षा श्रमिकों को अपात्र होते हुए भी बिना अलाउटमेंट के सरकारी आ‌वासों में सर्व सुविधा से रहने देने और पात्र वनकर्मियों को आवास में रहने पर अपराधी बताए जाने के मामले में वनकर्मियों ने जब डीएफओ चौहान से कहा कि अगर यह अवैध तरीके से रह रहे थे, तो उन्हें जिस तरह से निलंबित किया गया है। उसी तरह से उन 14 सुरक्षा श्रमिकों को भी निलंबित कीजिए।

इस पर डीएफओ कहने लगे कि पहले जांच कराएंगे। इस पर वनकर्मियों ने कहा कि आप हमारे साथ अभी चलिए और यह सूची लीजिए जो काम अभी हो सकता है। उसे जांच के नाम पर आप टाल क्यों रहे हैं। यह सुनकर डीएफओ कहने लगे कि आपके दबाव में कोई काम नहीं करुंगा।

मेरे हिसाब से काम होगा। इस पर वनकर्मियों ने कह दिया कि उन्होंने रुपए दिए हैं। इस वजह से जांच होगी क्या? आपने इन 3 वनकर्मियों को तो बिना जांच के ही निलंबित कर दिया।

इन्हें किया निलंबित

सरकारी आ‌वास में बिना परमिशन के रहने पर वनकर्मी राहुल चौरसिया, रिषभ शर्मा, रामराज सिंह को निलंबित किया है। जबकि विवेक कौशल, वीरेंद्र मंगल और मनीष राजपूत के इंक्रीमेंट रोकने की कार्रवाई की है।

वनकर्मियों का आरोप- यह कर्मचारी अपात्र फिर भी रह रहे

वनकर्मियों ने डीएफओ पर भेदभाव करने के आरोप लगाते हुए कहा है कि हम तो पात्र हैं। लेकिन, यह अपात्र होते हुए भी रह रहे हैं। लेकिन, इन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है। उनमें तबरेज अली सुरक्षा श्रमिक लोकनाथ विश्वकर्मा, हरिशंकर शर्मा, स्वरुपा सेमरिया, श्रीराम जाटव, सोनू गौड़, नंदकिशोर शर्मा, गोविंद राम, राजेंद्र जाटव, राजासिंह चौहान, जितेंद्र सिसोदिया, मुकेश कुमार मौर्य, हुकमसिंह सिकरवार, मनीष झा के नाम शामिल हैं।

आंदोलन की दी चेतावनी

वनकर्मियों के जिलाध्यक्ष और निलंबित कर्मचारियों ने न्याय नहीं मिलने पर वनमंत्री रामनिवास रावत से गुहार लगाने और जरुरत पड़ने पर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है।

इस बारे में डीएफओ एसएस चौहान का कहना है कि वनकर्मियों को निलंबित किया है। वह अनाधिक्रत रुप से आवासों में रह रहे थे। दूसरे कर्मचारियों की बात है तो उसे दिखवाएंगे जांच के बाद जो तथ्य सामने आएंगे, उसके हिसाब से कार्रवाई होगी, उनके आरोप मिथ्या हैं।

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