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मुरैना के सिविल लाइन थाने में बालकृष्ण जाटव उर्फ शनि (31) की मौत हुई थी। दो बातें सामने आईं। पहली- पुलिस का कहना है, ‘हवालात में गमछे से फांसी लगा ली।’ दूसरी- परिजन का आरोप है, ‘कील लगी लकड़ी के पट्टे से पीटा गया।’
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अब इसी केस में चश्मदीद भी सामने आया है। मर्डर केस में शनि जब लॉकअप में बंद था, तब उसके साथ इसी केस में शक की बुनियाद पर आकाश उर्फ भूरा को भी पकड़ा गया था। दैनिक भास्कर से बातचीत में आकाश ने बताया, ‘बात 29 अगस्त की है। टीआई रामबाबू यादव (सस्पेंडेड) और बाकी के पुलिस वाले शनि के पैर पर पैर रखकर चढ़े हुए थे। पुलिसवालों ने मेरे सामने उसे पीटा, इसके बाद दूसरे कमरे में ले जाकर बहुत मारा था।’
आकाश का यह भी कहना है, ‘जब शनि का शव लॉकअप की रोशनदान की जाली से गमछे के सहारे फांसी के फंदे पर लटका हुआ था, तब उसके पैर जमीन से लगकर मुड़े हुए थे।’
खबर में आगे बढ़ने से पहले फ्लैशबैक…

मर्डर केस में पुलिस ने आकाश और उसके नाबालिग भाई को क्यों उठाया?
अशोक और शनि दोस्त थे। दोस्ती जेल में हुई थी। जेल से छूटने के बाद दोनों मुरैना की अंबेडकर नगर कॉलोनी में गुड्डीबाई के मकान में किराए से रह रहे थे। आकाश (21) और 16 साल का नाबालिग लड़का, गुड्डीबाई के ही बेटे हैं। पति लच्छी दिल्ली में एक फैक्ट्री में काम करते हैं। शनि, गुड्डीबाई को मामी, लच्छी को मामा कहकर बुलाता था।
आकाश के छोटे भाई के पास से मृतक अशोक जाटव का की-पेड मोबाइल मिला था। यह उसके पास कैसे आया, पहले आकाश से जानते हैं लॉकअप में क्या हुआ था….

टीआई बोले- तूने फालतू कुछ बोला तो तुझे भी पट्टे पड़ेंगे
पुलिस की पिटाई से शनि के हाथ में गुदा उसका नाम बालकृष्ण आधा मिट गया था। लॉकअप में वह जब दूसरे कमरे से वापस आया, तो बोला कि उसे बहुत मारा गया है। इसके बाद पुलिसवाले उसे कहीं बाहर ले गए। लौटा तो लंगड़ाकर चल रहा था। यह बात 29 अगस्त की है। उसे तीन दिन तक पीटा गया। मुझे 31 अगस्त की रात 1.30 बजे छोड़ दिया गया। 1 सितंबर की सुबह पता लगा कि शनि की हवालात में मौत हो गई है।
1 सितंबर की सुबह पुलिस वाले मेरे घर आए और थाने ले गए। टीआई रामबाबू यादव ने दूसरे कमरे में ले जाकर कहा कि यह पट्टा देख रहा है, तुझे भी पट्टे पड़ेंगे, अगर तूने फालतू कुछ बोला। तू इस केस में बच गया तो क्या हुआ, किसी दूसरे केस में फंसा देंगे। यह सुबह 11 बजे की बात है। इसके पहले सुबह 9 बजे एक कागज पर साइन कराए और शनि के शव को फंदे से नीचे उतार लिया गया।
जाली में गमछे का फंदा बनाकर फांसी लगी हुई थी। शव के पैर जमीन में लगकर मुड़ रहे थे। जाली पर जहां गमछा बंधा था, वहां तीन गांठ लगी थीं, जबकि दो गांठ शनि की गर्दन पर थीं।’ (जैसा आकाश ने दैनिक भास्कर को बताया)
नाबालिग को शनि ने दिया था मोबाइल…
आकाश के छोटे भाई ने बताया कि उसे भी 28 अगस्त की सुबह पुलिस ने पकड़ा। दिन भर थाने में रखते, रात 10 बजे के बाद छोड़ देते। 31 अगस्त तक यही चलता रहा। पुलिसवालों ने अलग कमरे में ले जाकर पेट की खाल पकड़कर खींची, थप्पड़ मारे।
नाबालिग ने बताया, ‘मैं बहुत डर गया था। मैंने पुलिसवालों को बताया कि शनि ने पिछले साल नवंबर में यह मोबाइल चलाने के लिए दिया था। मेरे मामा के लड़के युवराज पिप्पल ने इसमें अपने नाम की सिम डाल दी थी। तब से ही मैं इसे चला रहा था। बाद में जब दीदी की शादी हो गई और उनका मोबाइल पानी में गिर गया तो मैंने यही मोबाइल उन्हें दे दिया था। इस वजह से पुलिस जीजा मनीष को भी उठा लाई थी।’
(पुलिस ने युवराज पिप्पल (19) को 28 अगस्त को पकड़ा था। मनीष को 30 अगस्त को घर से उठाया। 30 अगस्त की रात युवराज और मनीष को छोड़ दिया गया था।)

अशोक तीन भाई थे, तीनों की मौत
अशोक जाटव बानमोर के शनिचरा रोड की एक बस्ती का रहने वाला था। तीन भाई थे, वर्तमान में तीनों की मौत हो चुकी है। सबसे बड़ा भाई बानमोर की एक होटल में काम करता था। काम के दौरान उसे बुखार आया। होटल मालिक उसे ठेले पर रखकर घर छोड़ गया। घरवाले अस्पताल ले गए, तब तक उसकी मौत हो गई। अशोक दूसरे नंबर का था। तीसरे नंबर के भाई ने फांसी लगा ली थी। मां बोल नहीं सकतीं, पिता बीमार रहते हैं।
सुल्तान ने अपने साले अशोक की हत्या क्यों की?
अशोक आपराधिक प्रवृत्ति का था। बानमोर थाना पुलिस की लिस्ट में उसका नाम शामिल था। जब भी कोई अपराध होता, तो पुलिस उसके दरवाजे पर पहुंच जाती। बुजुर्ग माता – पिता इससे परेशान हो गए थे। उन्होंने उसे बानमोर छोड़ने को कहा। इसके बाद वह मुरैना आकर अंबेडकर कॉलोनी में गुड्डी बाई के घर किराए से रहने लगा।
2 दिसंबर 2023 की रात वह जीजा सुल्तान के यहां पहुंचा था। सुल्तान ने उससे कहा कि यहां मत आया करो, तुम्हारी वजह से पुलिस मुझे परेशान करती है। कहासुनी में सुल्तान ने टायर लीवर से अशोक के सिर के पीछे मारा (पीएम रिपोर्ट में पुष्टि हुई है)। इससे उसकी मौत हो गई। सुल्तान ने अशोक के साथ रहने वाले शनि को फोन लगाकर उसी रात बुलाया।
बालकृष्ण और सुल्तान ने अशोक के शव को बोरे में बंद किया। सुल्तान ई-रिक्शा चलाया करता था। इसी ई-रिक्शा पर रखकर शव महाराजपुर रोड पर ले गया और खंती में फेंक आया। पहचान मिटाने के लिए कपड़े उतार लिए, शव पर सिर्फ अंडरवियर छोड़ा। चेहरे को पत्थर से बिगाड़ दिया था।
हत्याकांड के बाद से शनि दिल्ली में रह रहा था।


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थाने में सुसाइड करने वाले के शव पर मिले छेद

मुरैना में हत्या के आरोप में गिरफ्तार जिस युवक ने थाने में खुदकुशी की थी, उसके शव पर कई छेद थे। मृतक के परिजन ने अंतिम संस्कार से पहले लिए गए फोटो दैनिक भास्कर को दिए। फोटो सामने आने के बाद पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में है। परिजन का आरोप है कि बालकृष्ण उर्फ शनि की थाने में पिटाई की गई थी। जिस पट्टे से पुलिस ने उसे मारा था, उसमें कीलें लगी हुईं थी। पढ़िए पूरी खबर
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