Home मध्यप्रदेश Gau-vanya sanctuaries will be built on 100 to 1000 acres of land;...

Gau-vanya sanctuaries will be built on 100 to 1000 acres of land; Lakhan Patel; Animal Husbandry Departmetn MP | एमपी में गोवंश के लिए बनेंगे गो वन्य विहार: एक ही जगह 20 हजार गायों के चारे, पानी, शेड का इंतजाम होगा – Bhopal News

36
0

[ad_1]

मध्यप्रदेश सरकार बेसहारा गोवंश के लिए गो वन्य विहार बनाने जा रही है। ये वन्य विहार जिलों में उपलब्ध सरकारी जमीन पर बनाए जाएंगे। पशुपालन एवं डेयरी विभाग मंत्री लखन पटेल ने दैनिक भास्कर से चर्चा में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘हम 6 जिलों में गोवंश

.

मंत्री ने कहा, ‘इतना पर्याप्त नहीं है, यह बात मैं मानता हूं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी इसके लिए निर्देश दिए हैं। हमने अलग-अलग जिलों से प्रस्ताव मंगाए हैं। जहां 200 एकड़ से लेकर 500- 1000 एकड़ तक जमीन उपलब्ध है, वहां हम गो वन्य विहार बना रहे हैं।’

पशु पालन मंत्री लखन पटेल ने भास्कर को बताई गो वन्य विहार की प्लानिंग, पढ़िए बातचीत…

भास्कर: प्रदेश में कितने गो वन्य विहार बनाएंगे? मंत्री: पूरे प्रदेश में 22 जगह गो वन्य विहार बना रहे हैं। 14 -15 बड़े वन्य विहार होंगे, जहां 20000 गोवंश को रखने की व्यवस्था हो सकेगी। जहां कम जमीन उपलब्ध है, वहां हम इसे गोशाला में परिवर्तित कर देंगे।

मुख्यमंत्री ने बीना में कहा था कि हम गोशाला के साथ गो वन्य विहार भी बनाएंगे। बीना के देपल में 451 एकड़ जमीन उपलब्ध है। मुझे तो पता चला कि वहां 3200 एकड़ जमीन पहले कभी इसके लिए आरक्षित की गई थी। यह जमीन फिलहाल वन विभाग के पास है। इसका इस्तेमाल चारा उत्पादन के लिए किया जा सकता है। दोनों जमीनें यदि मिला देंगे, तो यह कुल 4000 एकड़ के आसपास हो जाएगी।

भास्कर: इसके लिए कितना फंड आरक्षित कर रहे हैं? मंत्री: लगभग 200 करोड़ के आसपास फंड की व्यवस्था कर रहे हैं। वैसे फंड की बात नहीं है, यह मन का मामला है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि पैसे की चिंता मत करो, काम करो।

भास्कर: गोशाला में निगरानी बड़ी चुनौती रहती है, गो वन्य विहार में निगरानी कैसे होगी? मंत्री: गो वन्य विहार में जब हम गाय को रखेंगे, तो पहला उद्देश्य यही होगा कि वह बाहर न आए। इसके लिए फेंसिंग या बाउंड्रीवॉल बनाकर हम गाय को उसी एरिया में रोकने का प्रयास करेंगे।

भास्कर: गोवंश के चारे की व्यवस्था कैसे होगी? मंत्री: गो वन्य विहार में ही पानी, शेड और चारे की व्यवस्था करेंगे। वैसे जुलाई से लेकर 5 महीने तक चारे की दिक्कत नहीं रहती। दिसंबर के बाद चारे की दिक्कत होने लगती है, इसकी व्यवस्था सरकार करेगी।

भास्कर: गांवों की चरागाह जमीनों पर अवैध कब्जे हैं, इन्हें मुक्त कराएंगे? मंत्री: चरनोई भूमि चिह्नित हो चुकी है। पिछली कांग्रेस की सरकार ने जो पट्‌टे बताकर काम किया, वो बहुत गलत निर्णय था। हम सारी जगहों पर कब्जे हटा रहे हैं।

भास्कर: मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि गोचर भूमि पर कोई कब्जा नहीं कर सकता? मंत्री: अभी ऐसी जगहों पर फसल लगी हुई है, अक्टूबर में कट जाएगी। खेत खाली हो जाएंगे तो उस जमीन को खाली कर लिया जाएगा। जमीन अतिक्रमणमुक्त होते ही इसमें मनरेगा या अन्य किसी योजना से बाउंड्रीवॉल, तार फेंसिंग, पत्थर फेंसिंग कराएंगे। प्रशासन इसे अपने कब्जे में लेगा और पंचायत की कमेटी के सुपुर्द करेगा। गाय के लिए गोचर जमीन हर गांव में लगभग दो फीसदी उपलब्ध है।

भास्कर: गाय को खुला छोड़ने वाले गोपालकों पर कोई दंड लगाएंगे? मंत्री: हमने दंड का प्रावधान भी किया है। लोगों से पैसा भी वसूला है। कड़ा कानून बनाकर कार्रवाई करेंगे लेकिन सिर्फ दंड से काम नहीं चलेगा। जनजागरण की भी आवश्यकता है।

भास्कर: हाईवे पर गायें बैठी रहती हैं, सरकार टोल कंपनी पर कार्रवाई क्यों नहीं करती? मंत्री: एक कमेटी में यह चर्चा हुई थी। उसमें संबंधित विभागों के पीएस भी थे। यह बात हुई थी कि हाईवे के टेंडर होते हैं, उनमें एंबुलेंस टोल पर रखने की शर्त है। अब नए टेंडर में गायों के प्रबंधन को लेकर भी शर्त शामिल करेंगे। इससे निश्चित तौर पर 50-60 किलोमीटर के एरिया में टोल द्वारा बेसहारा गोवंश के प्रबंधन की व्यवस्था की जाएगी।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here