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मध्यप्रदेश की संस्कारधानी में गणेश विसर्जन कई दिनों से तक चलता रहता है, जो कि सही नहीं है। जबलपुर में आज धर्म गुरु, नगर पंडित सभा के आचार्य सहित जिला कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना और एसपी आदित्य प्रताप सिंह के साथ बैठक की जिसमें सर्व सहमति से ये निर्णय
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कलेक्टर-एसपी के साथ बैठक में शामिल हुए घर्मगुरू, गणेश विसर्जन को लेकर की चर्चा।
जबलपुर कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में धर्मगुरु स्वामी नरसिंह दास जी महाराज ने कहा कि हर साल भर भगवान गणेश जी की पूजा करते है, पर गणेश चतुर्थी के समय उनकी स्थापना करना और फिर 11 दिन बाद उनका विसर्जन करना यह सालों से प्रथा चली आ रही है। उन्होंने बताया कि आज के समय में लोग अपनी मर्जी से गणेश विसर्जन करते है जो सही नहीं है, शास्त्रों में लिखा है कि अनंत चतुर्दशी के दिन होना चाहिए क्योकि श्राद्ध पक्ष में ये वर्जित है। धर्म गुरु ने सभी से आग्रह करते हुए कहा है कि अगर हम वैदिक और सनातन रीति से पूजा पाठ करेंगे तो उसका फल हमें अच्छा फल मिलेगा। इसलिए गणेश विसर्जन अनंत चतुर्दशी को ही होना चाहिए। बैठक में निर्णय लिया गया है कि जिले के सभी गणेश विसर्जन अनंत चतुर्दशी को ही होगा।
बैठक में कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना और एसपी आदित्य प्रताप सिंह भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि कुछ दिन बाद गणेश विसर्जन होना है, जिस पर मार्गदर्शन चाहते थे कि कैसा कार्यक्रम होगा। सभी ने एक स्वर में कहा है कि गणेश विसर्जन अनंत चतुर्दशी को होना चाहिए, क्योंकि श्राद्ध पक्ष में विसर्जन वर्जित होता है। कलेक्टर ने कहा कि जबलपुर में ये जानकारी लगी है कि अनंत चतुर्दशी के बाद भी विसर्जित करते है, जो कि गलत है। कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना सभी लोगों से आग्रह किया है कि विसर्जन शास्त्रों की परंपरा के अनुसार ही करे।
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