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दिगंबर जैन समाज का तप, त्याग और सादगी का महापर्व पर्युषण बहुत ही धर्म मय एवम भक्ति भाव के वातावरण में प्रारंभ हुआ। उसी कड़ी में सतपुड़ा पर्वत माला में बसे दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र बावनगजा की सुरम्य वादियों में बड़ी ही भक्ति की बयार के बीच प्रारंभ हुआ
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ये पर्व 10 दिवसीय होता है और दस दिन दस धर्मों में बंटा रहता है। जिसके अलग अलग दिन उस विषय पर प्रवचन होंगे। प्रथम दिन उत्तम क्षमा धर्म से प्रारंभ हो कर क्षमा वाणी पर्व पर समाप्त होता है।
दूसरे दिन उत्तम मार्दव, उत्तम आर्जव, उत्तम शौच, उत्तम सत्य, उत्तम संयम, उत्तम तप, उत्तम त्याग, उत्तम आकिंचन्य, उत्तम ब्रह्मचर्य अनंत चतुर्दशी के दिन होता है। आज रविवार को तलहटी मंदिर में पंडित मौसम जी शास्त्री के निर्देशन में भगवान के अभिषेक, शांतिधारा,नित्य नियम की पूजन एवं दस लक्षण विधान बड़े ही भक्ति भाव के साथ सम्पन्न हुआ।
आज के सौधार्म इंद्र बनने का सौभाग्य दिनेश भाई कठलाल द्वारा भगवान के प्रथम अभिषेक और शांतिधारा का सौभाग्य प्राप्त किया। इसके पूर्व भगवान को पांडुकशीला पर विराजित किया गया। इस अवसर पर शांतादेवी दिनेश जी कठलाल द्वारा भगवान पर छत्र और चंवर चढ़ाए गए। साथ ही चेन्नई से पधारी कल्पना दीदी द्वारा दोपहर में तत्वार्थ सूत्र की क्लास लेकर समझाया गया।
इस अवसर पर गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश के कई हिस्सों से यात्री पधारे है.साथ ही बावनगजा में निवासरत समाज जन और हरसुख दिगंबर जैन छात्रावास के बच्चो ने हर्ष के साथ सम्मिलित होकर पुण्य लाभ अर्जित किया।



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