[ad_1]
डिंडोरी के करंजिया जनपद के बैगा आदिवासी बाहुल्य इलाकों में बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए संचालित स्कूल ,हॉस्टल और आश्रमों के हाल बेहाल है। बच्चों को न ही अच्छी शिक्षा मिल पा रही है और न ही अच्छा खाना। उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सही सुविधा मौ
.
गोपालपुर गांव में संचालित हायर सेकेंडरी स्कूल में महज दो शिक्षक
हायर सेकंडरी स्कूल गोपालपुर में लगभग 449 छात्र-छात्राएं पढ़ते है। स्कूल के पास बच्चों को पढ़ाने के लिए महज दो शिक्षक है। चैन सिंह मरावी वर्ग 2 के शिक्षक हैं। इन्हीं के पास प्राचार्य और दो हॉस्टल का प्रभार है। दूसरे शिक्षक भागवत मरकाम भी वर्ग 2 के है। गेस्ट टीचर्स के भरोसे बच्चें पढ़ रहे हैं।
हॉस्टल में टूटे पलंग, खेल व्यवस्था भी नहीं
हॉस्टल में रहने वाले छात्र यश मोंगरे ने कहा, ‘खाने में 2 रोटी मिलती है। उसके साथ दो चम्मच चावल, सब्जी में तो आलू ढूढ़ना पड़ता है। पलंग सोने के लिए तो है लेकिन उसका पैर टूटा है, प्लाई गायब है। खेलने के लिए भी कुछ खास सुविधा नहीं है।

हॉस्टल में जिस बर्तन में आटा गूथा जाता है, उसे कई दिंनो तक साफ भी नहीं किया जाता। बर्तनों में कीड़े चल रहे थे।
जनप्रतिनिधियों ने कहा- धरना प्रदर्शन करेंगे
जनपद उपाध्यक्ष गीता पट्टा ने कहा, ‘स्कूलों में न तो अच्छे शिक्षक हैं और न ही हास्टल में बच्चो को अच्छा भोजन मिलता है।,खेलने का सामान भी नहीं है। अधिकारियों की लापरवाही बहुत है। कम से कम समय-समय पर निरीक्षण करना चाहिए।’
वहीं जनपद अध्यक्ष चरण सिंह धुर्वे का कहना है कि बीईओ और बीआरसी की लापरवाही के चलते ये तस्वीरें सामने आ रही हैं। जिले के अधिकारियों कोइसकी जानकारी दी जाएगी। हालात नही सुधरे तो शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए धरना प्रदर्शन करेंगे।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी का कहना है कि व्यवस्था सुधारने का प्रयास लगातार जारी है। समय-समय पर अधिकारी स्कूल और हास्टल का निरीक्षण करते रहते हैं।
[ad_2]
Source link



