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देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के टीचिंग विभागों में एडमिशन के लिए सीयूईटी पीजी की दो काउंसलिंग के बाद भी 375 से ज्यादा सीटें खाली रह गईं हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से तीन कोर्स ऐसे हैं, जिनकी 150 से ज्यादा सीटें खाली हैं। इनमें सबसे ज्यादा 55 सी
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जानकारी अनुसार 13 सितंबर को आईएमएस तथा 17 को स्कूल अॉफ इकोनॉमिक्स में काउंसलिंग होगी। इसके अलावा अलग-अलग समय पर बाकी विभागों की भी काउंसलिंग होगी। सीयूईटी चैयरमैन डॉ. कन्हैया आहुजा कहते हैं कि तकनीकी कारण से सीटें खाली रह गई हैं, इसलिए हम विभाग स्तर पर तीसरी काउंसलिंग कर रहे हैं। उम्मीद है कि ये सभी सीटें इस राउंड में भर जाएंगी।
यह 4 बड़ी वजह, जिनके कारण नहीं भर पा रहीं सीटें
- सीयूईटी पीजी की काउंसलिंग समय से एक माह देरी से हो पाई। चूंकि कॉलेजों में एडमिशन की प्रक्रिया उससे पहले शुरू हो गई थी, इसलिए कई छात्रों ने कमजोर रैंक के डर से पहले ही एडमिशन ले लिया।
- काउंसलिंग में 60 प्रतिशत से ज्यादा छात्र अन्य राज्यों के शामिल होना थे। उनमें से ज्यादातर ने अपने शहरों में ही प्रवेश ले लिए। इसलिए सीटों की तुलना में डेढ़ गुना रजिस्ट्रेशन भी नहीं हो पाए।
- 8 कोर्स ऐसे हैं, जिनकी डिमांड पिछले 3 सालों से नहीं है। लेकिन फिर भी वे कोर्स सीयूईटी पीजा का िहस्सा हैं।
- सीयूईटी पीजी में शामिल 9 कोर्स ऐसे हैं, िजनमें प्लेसमेंट 5 प्रतिशत भी नहीं है। सिर्फ 5 कोर्स ऐसे हैं, जिनमें 50 प्रतिशत तक प्लेसमेंट है। 2 से 3 कोर्स में जीरो प्लेसमेंट है।
अन्य किस कोर्स में कितनी सीटें खाली?
- एमबीए मीडिया मैनेजमेंट 28
- एमबीए एपीआर 17
- एमबीए टूरिज्म 43
- एमबीए कम्प्यूटर मैनेजमेंट 18
- एम जर्नलिजम एंड मास कम्प्यूनिकेशन 39
- एमबीए इंटरनेशनल बिजनेस 19
ये चौंकाता है… 8 गुना ज्यादा डिमांड होने के बाद भी 10 से 19 तक सीटें खाली
चौंकाने वाली बात यह है कि सीटों से कई गुना ज्यादा डिमांड वाले कोर्सेस की भी सीटें खाली हैं। इनमें एमबीए एंटरप्रेन्योरशिप, एमबीए बिजनेस इकोनॉमिक्स व एमबीए फायनेंशियल सर्विसेस जैसे अहम कोर्स भी शामिल हैं। एंटरप्रेन्योरशिप में 18 तो बिजनेस इकोनॉमिक्स व फायनेंशियल सर्विसेस जैसे कोर्स में भी 13-13 सीटें खाली रह गई हैं। यही नहीं एमबीए इंटरनेशनल बिजनेस कोर्स की भी 19 सीटें खाली हैं। सर्वाधिक डिमांड वाले एमबीए बिजनेस एनॉलिटिक्स कोर्स की भी 10 सीटें खाली हैं।
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