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आदिवासी बाहुल्य शहडोल के जिला अस्पताल में महिला डॉक्टर और महिला रेडियोग्राफर ने सिविल सर्जन के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है। महिलाओं ने खुद को असुरक्षित बताकर पुलिस और प्रशासन से सुरक्षा की अपील की है।
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ड्यूटी के दौरान पुलिस सुरक्षा की मांग
एक महिला कर्मचारी ने बुधवार को थाना कोतवाली पहुंचकर ड्यूटी के दौरान पुलिस सुरक्षा की मांग करने की। वहीं दूसरी महिला डॉक्टर ने अपनी शिकायत में कहा है कि सिविल सर्जन हमसे क्या चाहते हैं हमें खुद नहीं पता।
दोनों ही महिला कर्मचारियों का आरोप है कि प्रशासन सिविल सर्जन के दबाव में उनकी समस्याओं को नजर अंदाज कर रहा है। उनकी बात राज्य सरकार तक पहुंच नहीं पा रही है। महिला कर्मचारियों का कहना है कि प्रशासन की यह लापरवाही शहडोल में बंगाल की घटना को दोहरा सकती है।
महिलाओं का दावा- शोषण का शिकार हो रही हैैं महिलाएं
याचिकाकर्ता महिलाओं का कहना है, ‘जिला अस्पताल में हम लोगों के अलावा ऐसी कई महिला कर्मचारी हैं जो प्रताड़ित हैं, शोषण का शिकार हो रहीं हैं। हालांकि डर की वजह से आवाज नहीं उठा पा रही हैं। यदि इस मामले की स्वतंत्र जांच की जाए तो पूरे देश के सामने एक बहुत बड़ा स्कैंडल सामने आ जाएगा।’
दरअसल शहडोल जिला अस्पताल में सिविल सर्जन के तौर पर डॉक्टर जीएस परिहार पदस्थ हैं। अपने रसूख के चलते वो अक्सर विवादों में रहते हैं। महिला कर्मचारियों का आरोप है कि अस्पताल के कमरों में से आपत्तिजनक वस्तुओं के मिलने जैसी गंभीर बात को सिविल सर्जन सामान्य बात कहकर नजर अंदाज कर रहे हैं।
वहीं इस पूरे मामले में सिविल सर्जन डॉक्टर जीएस परिहार का कहना है कि उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप निर्राधार है। जांच एजेंसियां है वो जांच करेंगी उन्हें उन मामलों में कुछ नही कहना है।
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