[ad_1]

हाजी शहजाद अली की बेटी फातिमा खातून
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बुलडोजर के कर्कश पैरों के तले कुचला गया एक आलीशान मकान…यहां वहां बिखरे इसका मलबा और अवशेष…इन्हीं के बीच पड़ा उन कारों का भंगार, जो कुछ दिन पहले लक्जरी कहलाती थीं…इन्हीं के किनारे पर खड़ी फातिमा…फातिमा, हाजी शहजाद की बेटी…! गम, गुस्से, दर्द और आंखों में किसी भूचाल की बजाए एक ठहराव और शांत भाव…! सधे, ठहरे और संतुलित लेकिन आत्मविश्वास भरे लहजे में उसने वह कहा, जो इस पूरे मामले के मामले को एक नई दिशा दे रहा है…!
फातिमा ने कह डाला, बुलडोजर कार्रवाई में लिप्त अफसरों पर “दबाव” था, जिसकी वजह से विध्वंस की यह कार्रवाई अंजाम दी गई। दबाव इन अफसरों के आकाओं का था…यह आका कौन हैं, इसको लेकर फातिमा खुलासा करने से कुछ गुरेज कर गईं, लेकिन इशारों में उसने बहुत कुछ कह डाला।
छतरपुर बुलडोजर कार्रवाई के करीब छह दिन की खोज के बाद भी इस मामले के मुख्य आरोपी करार दिए गए हाजी शहजाद अली ने खुद को अदालत में सरेंडर करने की तैयारी कर ली थी। लेकिन सूत्रों का कहना है कि ऐन इससे पहले थाना कोतवाली के टीआई अरविंद कुजूर से उनकी मुलाकात हो गई। सरेंडर की कहानी अरेस्टिंग में बदल गई। पुलिस द्वारा कथित रूप से गिरफ्तार किए गए हाजी शहजाद को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
अब बेटी आई सामने
हाजी शहजाद अली की बेटी फातिमा खातून ने हाल ही में मीडिया के सामने आकर अपनी बात पूरी बेबाकी से रखी है। उसका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। फातिमा ने कहा कि उसके पिता हाजी शहजाद, सदर जावेद अली के बुलाने पर कोतवाली पहुंचे थे। वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने उनसे निवेदन किया कि आपके सदर की बात लोग नहीं मान रहे हैं। इसलिए आप इन्हें समझाने की कोशिश कीजिए।
पुलिस अधिकारियों की रिक्वेस्ट पर उन्होंने लोगों को समझाने की कोशिश की भी। लेकिन भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता है, वह विकृत रूप लिए होता है, इस दिन भी यही हालात बने थे। फातिमा ने कहा कि यह बातें उनके पिता ने उन्हें उस समय बताई थीं, जब पुलिस रिमांड की अवधि में पुलिस उन्हें लेकर घर आई थी।
हुआ नहीं, करवाया गया…
फातिमा ने अपने पिता को पूरी तरह बेकुसूर बताते हुए कहा कि उनके शहर में पहली बार ऐसी घटना हुई है। उन्होंने दावे के साथ कहा कि यह मामला हुआ नहीं, बल्कि करवाया गया है। उन्होंने कहा कि उनके पिता शहजाद को पूरे मामले में फंसाने की एक साजिश के तहत यह पूरा कांड करवाया गया है।
फातिमा ने कहा कि यह पूरा कर्मकांड प्रशासनिक अधिकारियों की साजिश है। साथ ही इसमें इन अधिकारियों के आकाओं की भी पूरी भूमिका है। उन्होंने कहा कि इन आकाओं में बहुत बड़े और छिपे लोग हैं। फातिमा ने इस पूरे मामले का दोषी साजिश को रचने वाले इन लोगों को ही बताया है।
न नोटिस, न समय, सीधे कार्रवाई
हाजी शहजाद की बेटी फातिमा ने कहा कि करीब सात साल से बन रहे उनके मकान को अचानक अवैध घोषित कर दिया गया। इसके लिए न तो कोई समय दिया गया और न ही कोई नोटिस ही जारी किया। फातिमा ने कहा कि उनके मकान के अवैध होने की सूचना देने के लिए भी नगरीय प्रशासन का कोई अधिकारी या कर्मचारी की बजाए दो पुलिस जवान पहुंचे थे। इनमें एक लेडी कॉन्स्टेबल थी और दूसरा सिविल ड्रेस में जवान। इन्होंने ही मकान को अवैध होने के फैसले पर मुहर लगा दी। कार्रवाई भी इतनी आनन-फानन में की गई कि मकान के साथ लक्जरी गाडियां भी बुलडोजर से कुचल दी गईं हैं।
आकाओं तक पहुंच रही थीं वीडियो
फातिमा ने कहा कि जब पुलिस वाले उनका घर देखने आए थे तो वे वीडियो बनाकर लगातार किसी को भेज रहे थे। इस बीच वे यह बातें भी कर रहे थे कि अब आएगा असली मजा…अब बनेगी असली न्यूज… फातिमा ने कहा कि उन लोगों की मंशा अब समझ आ रही है कि यह वीडियो किन लोगों तक भेजे जा रहे थे और इनकी न्यूज वाली बातों का तात्पर्य क्या था…!
[ad_2]
Source link



