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इन दिनों एक बार फिर सोयाबीन की फसल को लेकर किसान नाराज हो चुके हैं। प्रदेश भर में जगह-जगह किसान प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन दे रहे हैं। किसानों का कहना है कि उन्हें सोयाबीन फसल का सही भाव नहीं मिल रहा है। पिछले 8-10 सालों से एक जैसे ही भाव मिल रहे हैं।
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जानकारी के अनुसार सीहोर जिला मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम चंदेरी के किसान और समाजसेवी एम.एस. मेवाड़ा के नेतृत्व में सीहोर जिले के ग्राम तज, चोंडी, चंदेरी जैसे अन्य गांवों के किसानों ने प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के नाम ज्ञापन सौंप कर अवगत कराया है। प्राकृतिक असंतुलन और कीटों की बीमारियों के कारण सोयाबीन फसल की उपज नाममात्र की हो रही है।
वहीं सोयाबीन की फसल बोने से लेकर खाद, उर्वरक, कीटनाशक दवाइयों में इतना खर्च आ रहा है कि सोयाबीन की फसल घाटे का सौदा हो रहा है और किसानों को फसल का सही भाव नहीं मिल रहा है। पिछले 8 सालों से सोयाबीन के भाव 4 हजार रुपए प्रति क्विंटल ही है।
वहीं दूसरी ओर सोयाबीन से बनने वाले खाद्यानों के भाव आसमान छू रहे हैं, तो फिर किसानों से ही यह भेदभाव क्यों? इसलिए सोयाबीन की फसल का भाव 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल किया जाए। आंदोलन करने वालों में प्रमुख रूप से किसान दुर्गा प्रसाद, अमर सिंह मेवाड़ा, पंकज विश्वकर्मा, मोहन पटेल, समर सिंह, मोर सिंह, समर सिंह, राजमल मेवाड़ा, गोविंद सिंह, संजय अग्रवाल, राकेश मेवाड़ा सहित अन्य लोग शामिल थे।

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