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ऑटो में मौजूद प्रसूता
– फोटो : अमर उजाला
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सागर जिले के जरुआखेड़ा क्षेत्र में एक 108 जननी एक्सप्रेस वाहन चालक की लापरवाही सामने आई है। यह वाहन चालक प्रसूता को छोड़कर चला आया और प्रसूता को ऑटो से लाते समय ऑटो में ही उसकी डिलीवरी हो गई। प्रसूता महिलाओं को सुरक्षित डिलीवरी करवाने के लिए अस्पताल लाने ले जाने के लिए सरकार द्वारा चलाई गई 108 जननी एंबुलेंस संचालन में चालक की लापरवाही सामने आई है, जिसने प्रसूता को सुरक्षित स्वास्थ्य केंद्र छोड़ने की बजाय जल्दबाजी का कहकर प्रसूता महिला को दर्द से तड़पता छोड़कर निकल भागा।
जानकारी के अनुसार, नरयावली निवासी भैयालाल आदिवासी की पत्नी को डिलीवरी होना थी और उसे अस्पताल ले जाने के लिए उन्होंने 108 जननी एंबुलेंस को फोन लगाया। फोन कॉल पर उन्हें सेंटर से एंबुलेंस भेजने की जानकारी दी गई। लेकिन भैयालाल के अनुसार, लगभग सात बार फोन लगाने के बाद भी 108 जननी एम्बुलेंस नहीं पहुंची। प्रसूता गुड्डी बाई तेज दर्द से तड़पती रही, जब एक घंटे बाद 108 एम्बुलेंस क्रमांक CG-O4 NW-8741 पहुंची तो उसमें सवार पायलट दूसरे केस पर जाने की जल्दबाजी बताने लगा।
भैयालाल ने बताया, दर्द से तड़प रही पत्नी को घर से बाहर लाते समय उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। तेज दर्द से वह तड़प रही थी, जब तक हम लोग अस्पताल जाने की तैयारी करने लगे, तभी ऐसी हालत में एंबुलेंस चालक एंबुलेंस लेकर चला गया। फिर हम लोगों ने निजी ऑटो किया और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जरूवाखेड़ा लेकर पहुंचे। जहां पहुंचते-पहुंचते रास्ते में ही डिलीवरी हो गई।
जरूआखेड़ा स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ नर्स मनीषा लारिया ने प्राथमिक उपचार के बाद प्रसूता को भर्ती कर लिया। फिलहाल, जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं। प्रसूता के परिजनों ने 108 जननी एंबुलेंस के चालक पर लापरवाही का इल्ज़ाम लगाते हुए उस पर कार्रवाई की मांग की है।
लापरवाही की जांच की जाएगी
इस पूरे मामले में 108 नोडल अधिकारी आर के जड़िया से बात कि तो उन्होंने बताया कि यदि इस प्रकार की घटना हुई है तो 108 डिस्ट्रिक्ट मैनेजर को नोटिस भेजा जाएगा। जहां डिस्ट्रिक्ट मैनेजर अपनी जेईएस कंपनी भोपाल भेजेगा, उसके बाद निश्चित तौर पर हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
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