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भारत बंद के आह्वान पर प्रदर्शनकारियों ने दुकान में घुसकर की तोड़फोड़: पुलिस ने भांजी लाठियां; एसपी ने खुद संभाला मोर्चा, चिन्हित किए जा रहे उपद्रवी

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दिन भर के बवाल के बाद शहर में शांति का माहौल, जिला प्रशासन ने निकाला फ्लैग मार्च 

छतरपुर। अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के विरोध में दलित और आदिवासी संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया था। इस प्रदर्शन के दौरान आंदोलन करने आए भीम आर्मी संगठन के उपद्रवी तत्वों ने शहर में जमकर ताण्डव मचाया। इन आंदोलनकारियों ने शहर में खुली दुकानों को जबरन बंद कराया, कई स्थानों पर तोडफ़ोड़ की जिसमें कुछ लोग घायल हुए। इन बदमाशों पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठी चलानी पड़ी। दरअसल निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक सुबह से लेकर दोपहर 2 बजे तक जिले भर से दलित और आदिवासी समाज के लोग मेला ग्राउंड में एकत्रित हुए। इस दौरान मेलाग्राउंड में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित थे। दोपहर 2 बजे से एकत्रित भीड़ रैली के रूप में छत्रसाल चौक की ओर नारेबाजी करते हुए रवाना हुई।

छत्रसाल चौक से यह भीड़ दो गुटों में तब्दील हो गई। एक गुट चौक बाजार की ओर निकल गया और दूसरा गुट चौबे तिराहा की ओर। जो गुट चौक बाजार की ओर गया था उस गुट का नेतृत्व भीम आर्मी के युवा कार्यकर्ता कर रहे थे, जिन्होंने बाजार में जमकर उत्पात मचाया। इन युवाओं ने जबरन दुकानें बंद कराई और व्यापारियों के साथ मारपीट करने का प्रयास किया। महलों के पास मौजूद एक कंप्यूटर दुकान का कांच तोड़ दिया गया। इसके अलावा चौक बाजार के आसपास के इलाके में भी उपद्रवी युवाओं ने कई दुकानों में तोडफ़ोड़ की गई। इस दौरान सीएसपी अमन मिश्रा और कोतवाली थाना प्रभारी अरविंद कुजूर भीड़ पर काबू करने का भरसक प्रयास करते रहे। दूसरा गुट जो चौबे तिराहा होते हुए बस स्टैंड की ओर जा रहा था उसमें भी कुछ उपद्रवी शामिल थे जिनके द्वारा सर्किट हाउस तिराहा पर मौजूद एक कपड़े के शोरूम में तोडफ़ोड़ की गई। यहां दुकान में मौजूद एक युवक घायल भी हुआ। यह गुट बस स्टैंड तक दुकानें बंद कराते हुए गया और यहां से वापिस चौबे तिराहा पहुंचा जहां भीड़ ने जाम लगाने का प्रयास किया।

मौके पर मौजूद पुलिस अधीक्षक अगम जैन ने पहले समझाइश देकर चक्काजाम न करने का आग्रह किया लेकिन जब हालात काबू से बाहर होते नजर आए तो एसपी ने पुलिस बल को आंशिक लाठी चार्ज का आदेश दे दिया। आदेश मिलते ही पुलिस ने उपद्रव कर रहे युवाओं पर लाठी बरसाना शुरु की और मात्र 10 मिनिट में पूरी भीड़ तितर-बितर हो गई। इसके बाद पुलिस बल की मौजूदगी में रैली की अगुवाई कर रहे समाज के प्रतिनिधियों ने कलेक्टर कार्यालय में शांतिपूर्ण ढंग से राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन सौंपा।

कपड़े के शोरूम में की गई तोडफ़ोड़, एक युवक घायल

प्रदर्शन रैली के दौरान शहर के जवाहर रोड पर सर्किट हाउस तिराहा के पास मौजूद कपड़े के शोरूम को बंद कराने पहुंचे कुछ उपद्रवी युवाओं ने शोरूम के कांच तोड़ दिए। शोरूम संचालक प्रशांत महतों ने बताया कि अचानक आई भीड़ में शामिल करीब दो दर्जन युवाओं ने शोरूम के कांच पर डंडे मारकर कांच तोड़ दिए, जिसकी चपेट में आकर दुकान में बैठे युवक पंकज पिपरिया के हाथ में गंभीर चोट लग गई। जैसे ही यहां से भीड़ रवाना हुई वैसे ही प्रशांत महतों, घायल पंकज पिपरिया को जिला अस्पताल लेकर गया जहां उसका इलाज किया गया। घटना की शिकायत पुलिस कंट्रोल रूम में भी की गई थी। 

एसपी ने खुद संभाला मोर्चा, चिन्हित किए जा रहे उपद्रवी

शहर में हो रहे हिंसक प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस अधीक्षक ने स्वयं सडक़ पर उतरकर मोर्चा संभाला। उनके साथ एएसपी विक्रम सिंह, सीएसपी अमन मिश्रा, कोतवाली थाना प्रभारी अरविंद कुजूर, सिविल लाइन थाना प्रभारी वाल्मीकि चौबे, ओरछा रोड थाना प्रभारी पुष्पेन्द्र यादव, यातायात प्रभारी बृहस्पति साकेत के अलावा जिले के सभी एसडीओपी और कई थानों का पुलिस बल मौजूद रहा। जब हालात बेकाबू हुए तो पुलिस ने लाठी चार्ज कर कुछ ही मिनटों में उपद्रव को शांत कराया। अब पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में सीसीटीवी कैमरों के फुटेज, सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और मीडियाकर्मियों द्वारा बनाए गए वीडियो खंगालकर उपद्रव करने वाले युवाओं को चिन्हित किया जा रहा है, जिन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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