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समर्थन मूल्य पर जिले के किसानों के द्वारा बेची गई उपज का एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी किसानों को उपज का भुगतान नहीं हुआ है। जिसको लेकर किसानों के साथ किसान कांग्रेस ने जिला मुख्यालय की कृषि उपज मंडी में धरना देकर प्रशासन से किसानों का भुगत
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किसान कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष मोहन विश्नोई ने बताया कि प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा जिले में करीब साढ़े आठ सौ करोड़ का मूंग किसानों के द्वारा बेचे जाने की जानकारी दी गई जिसमें से चार सौ सत्तर करोड़ का भुगतान होना बताया जा रहा है।
प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा किसानों के द्वारा बेची गई मूंग की उपज का आधा भुगतान होने का दावा किया जा रहा है। उनका आरोप है कि अधिकारियों के द्वारा जिस 475 करोड़ के भुगतान किए जाने की बात कही जा रही हैं उसमें से भी आधा पैसा अभी बैंकों में रुका हुआ है।
उन्होंने बताया कि वेयरहाउस से किसानों को भुगतना करने के लिए बैंकों को ईपीओ जारी किया जा चुका है, लेकिन सरकार की तरफ से भुगतान नहीं होने से बैंकों ने ईपीओ को रोक कर किसानों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते किसानों को रक्षाबंधन के पर्व में खरीदी करने में दिक्कत हो रही है। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर किसानों के मिलकर तिरंगा रैली निकालकर सरकार से मूंग का भुगतान करने की मांग की जाएगी।

डिफाल्टर होने से नहीं होगा फसल बीमा
राजीव गांधी पंचायतीराज संगठन के प्रदेशाध्यक्ष हेमंत टाले ने कहा कि किसानों को बेची गई मूंग की राशि का भुगतान नही होने से उनके खातों में जीरो बैलेंस है। चूंकि वर्तमान में किसानों को पीएम फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमा की किश्त जमा करानी है, लेकिन भुगतान नही होने से किसानों को डिफाल्टर होना पड़ रहा है। उन्होंने जिले के किसानों की तरफ से सरकार से जल्द से जल्द मूंग का भुगतान करने की मांग की है।
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