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In 9th standard, basic and standard maths are taught from the same book, but the difficulty level is different | 9वीं में बेसिक व स्टैंडर्ड मैथ्स की पढ़ाई एक ही बुक से, डिफिकल्टी लेवल अलग – Bhopal News

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प्रदेश के स्कूलों में इस शिक्षा सत्र से नौवीं में बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ्स पढ़ाने की शुरुआत हो गई है। अगले साल से यह व्यवस्था 10वीं में भी लागू हो जाएगी। नौवीं के छात्र जब 10वीं में पहुंचेंगे तो उनका इस व्यवस्था में दूसरा वर्ष होगा। खास बात यह है कि न

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फायदा… छात्र गणित पढ़ेंगे, प्रतियोगी परीक्षाओं में आसानी होगी

कमला नेहरू स्कूल के मैथ्स के शिक्षक मुकेश तिवारी ने बताया कि बेसिक मैथ्स उन विद्यार्थियों के लिए ठीक है जो गणित में कमजोर हैं या वे आगे चलकर मैथ्स नहीं लेना चाहते। इसे यूं समझा जा सकता है कि परीक्षा में इससे जुड़े आसान सवाल पूछे जाएंगे। ऐसे में यह उन छात्रों के लिए आगे की राह आसान करेगा।

गौरतलब है कि बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति समाप्त हो चुकी है। पूर्व में बहुत से छात्र मैथ्स में फेल हो जाते थे, लेकिन इसका असर यह हुआ कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में मप्र के छात्रों का चयन कम हो गया था।

अब बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ्स वाले विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग तरह के सवाल पूछे जाएंगे। इनका कठिनाई का स्तर भी भिन्न-भिन्न होगा। यानि बेसिक मैथ्स लेने वाले विद्यार्थियों से आसान सवाल पूछे जाएंगे, जबकि स्टैंडर्ड मैथ्स के विद्यार्थियों को कठिन सवालों के उत्तर देने होंगे। यह संबधित चैप्टर का एडवांस वर्जन रहेगा।

पेपर 75 नंबर का होगा

बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ्स का पेपर 75 नंबर का होगा। संख्या पद्धति, बहुपद, निर्देशांक ज्यामिति, त्रिभुज, वृत्त सहित 12 अध्यायों का अंक योजना समान रहेगी। लेकिन, इनमें से ही कठिनाई का स्तर बेसिक और स्टैंडर्ड के लिए अलग-अलग होगा। पेपर में प्रश्न 1 से लेकर 5 तक 30 वस्तुनिष्ठ प्रश्न रहेंगे। इनमें प्रत्येक प्रश्न का एक अंक निर्धारित रहेगा। मैथ्स करने से प्रतियो​गी परीक्षाओं में मदद मिलेगी

बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ्स से 10वीं तक तो छात्र गणित से जुड़े रहेंगे। उन्हें यह पास करना अनिवार्य होगा। इसका लाभ यह होगा कि वे गणित पढ़ेंगे और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में वे हिस्सा ले सकेंगे। बेस्ट ऑफ फाइव की वजह से अनेक छात्र मैथ्स पढ़ते ही नहीं थे।

केडी त्रिपाठी, सचिव, माध्यमिक शिक्षा मंडल

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