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Special DGP Kapoor, who has completed 700 seminars, shared stories related to cyber crime | जागरूकता का जुनून: 700 सेमिनार पूरे कर चुके स्पेशल डीजीपी कपूर ने शेयर किए साइबर क्राइम से जुड़े किस्से – Indore News

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डॉ. वरुण कपूर

14 साल से साइबर सुरक्षा का पाठ पढ़ा रहे इंदौर के स्पेशल डीजीपी वरुण कपूर ने हाल ही में अपने 700 सेमिनार पूरे किए हैं। इसमें 147 वर्कशॉप स्कूल में, 174 कॉलेज में, 90 आम जनता के लिए, 97 वर्कशॉप संस्थाओं के लिए और 185 वेबिनार आयोजित किए हैं। इस दौरान वह

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अपनी इस उपलब्धि को लेकर उन्होंने भास्कर से विशेष चर्चा में बताया कि 2011 में ईमेल से शुरू हुए साइबर अपराध अब डीपफेक और एआई बेस्ड स्कैम पर आ गए हैं। ऐसे में आज जहां लोग ईमेल और एसएमएस से होने वाले स्कैम के प्रति तो जागरूक हैं, वहीं डीपफेक ने सही-गलत के बीच फर्क कर पाना मुश्किल कर दिया है। ऐसे में और भी जरूरी है कि लोग अपनी जानकारी अनजान लोगों को न दें, इंटरनेट पर दिखने वाली चीजों पर विश्वास न करें और अनजान लिंक पर क्लिक न करें।

पॉलिसी के नाम पर ठगा
76 वर्षीय बुजुर्ग को कॉल आया कि उन्होंने 2001 में एलआईसी की पालिसी खरीदी थी जिसकी एक-दो किस्तें भरने के बाद छोड़ दी तो पालिसी निष्क्रिय हो गई। बदमाशों ने बुजुर्ग को फोन कर पालिसी रिन्यू करवाने को कहा। इसके लिए प्रीमियम मांगा व 2-3 फर्जी पॉलिसी और बेच दी। ऐसा कर उनसे 44 लाख रुपए ले लिए। जब पीड़ित पुलिस के पास आए तो पूरी पड़ताल हुई और चेन्नई के 2 आरोपियों को पकड़ा। उनके 2 करोड़ रुपए भी फ्रीज किए गए। उनके हिस्से की राशि पीड़ित को लौटा दी गई।

अनजान को आईडी दिखाने में फंसे
कोस्ट गार्ड के जवान की भांजी ने ओएलएक्स से कोई सामान लेने के लिए एक व्यक्ति से संपर्क किया। इसके लिए बड़ी राशि का भुगतान किया, लेकिन सामान कभी मिला ही नहीं। बेचने वाला भी खुद को पुलिस जवान बताता रहा। पीड़ित के मामा ने खुद के कोस्ट गार्ड होने की बात कही तो सामने वाले ने उनका आईडी मांगा। कोस्ट गार्ड ने अपना आईडी भेजने की जगह वीडियो कॉल कर अपना आईडी हाथ में लेकर दिखा दिया। आरोपी ने इसका स्क्रीन शॉट लिया और उसकी मदद से देश के अलग-अलग हिस्सों में फ्रॉड किया। इस तरह अपना आईडी दिखाना उन्हें भारी पड़ गया।

ऑनलाइन किराया लेना भारी पड़ा
तीन लड़कों को कमरा किराए पर दिया। उन्होंने किराया कैश न देते हुए ऑनलाइन देने की बात कही। वाट्सएप पर किराए के 6 की जगह 11 हजार डाल दिए फिर बुजुर्ग से 5 हजार रुपए कैश में ले लिए। शादी में जाने का कहकर चले गए और लौटे नहीं। कुछ दिन बाद मकान मालिक को पता चला कि खाता फ्रीज हो चुका है, क्योंकि गुजरात में किसी व्यक्ति के साथ 11 हजार का फ्रॉड हुआ था। वह राशि बुजुर्ग दंपती के खाते में जमा हुई। मप्र व गुजरात में समन्वय बनाने में आ रही परेशानी के चलते 3 माह से खाता फ्रीज है।

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