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सार्थक सांस्कृतिक और सामाजिक संस्था द्वारा मंचित नाटक गंमत असती नात्याची के साथ ही 19वीं सानंद मराठी नाट्य स्पर्धा का रविवार शाम समापन हो गया। लेखक रविशंकर झिंगरे के नाटक का दिग्दर्शन वरिष्ठ रंगकर्मी सतीश मुंगरे ने किया है। गंमत असती नात्याची नाटक कई
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स्पर्धा के निर्णायक हैं मेघा निरखीवाले, रवींद्र नेरकर, स्मिता जोशी।

नाटक में विचार मंथन का दृश्य।
दीप प्रज्ज्वलन से हुआ कार्यक्रम का प्रारंभ
मुख्य अतिथि संतोष कोरडे एवं वंदना कोरडे ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत सानंद न्यास के जयंत भिसे, संजीव वावीकर, स्पर्धा सह – संयोजक ध्रुव देखणे ने किया। सानंद मित्र वृष्टि संत एवं अर्पित बापट ने संचालन किया। सानंद के अध्यक्ष जयंत भिसे ने आभार माना।

परिवार का सुहाना माहौल।
कहानी…
शरद और सुलभा पांडे प्रौढ़ दंपति हैं। जिनका सागर नाम का पुत्र है। सागर कॅरियर ओरिएंटेड होने से उसके विचार खुले हुए और आधुनिक हैं। माता-पिता के विचार जेनरेशन गैप के कारण उससे मिल नहीं खाते। सागर अनघा टिपणीस नाम की युवती के साथ लिव इन रिलेशन में हैं। सागर अपने माता-पिता के विचारों को जानता है, इसलिए उनसे लाइव इन रिलेशनशिप छुपाता है। छिपाने की इस प्रक्रिया में अनेक रोचक प्रसंग उत्पन्न होते हैं, जिनके सहारे नाटक आगे बढ़ता है। इस नाटक का सुखांत अनघा करती है। लिव इन में रहने के बावजूद उसे पारिवारिक मूल्य का महत्व समझती है। वो सागर के माता-पिता का दुख और उनकी परेशानी को समझती है तथा अपने व्यवहार से विश्वास दिलाती है कि शरद और सुलभा का पुत्र सागर उनके साथ ही रहेगा तथा पूरा परिवार एक जूता के साथ जीवन के सफर में आगे बढ़ेगा। कथानक आज की पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी दोनों को संदेश देता है। स्वतंत्रता और स्वच्छंदता के बीच के अंतर को समझता है तथा यह बताता है कि आखिरकार परिवार के साथ रहने में ही जीवन का आनंद है।

नाटक का एक प्रभावी दृश्य।
बैकस्टेज आर्टिस्ट्स
लेखक.. रविशंकर झिंगरे, दिग्दर्शक… सतीश मुंगरे, ध्वनि संकलन..संकेत पाटील, ध्वनि सहायक… पूर्वी दीक्षित, नेपथ्य… मधुसूदन जठार, प्रकाश योजना… मधुसूदन जठार, यश एरंडोलकर, सहायक …संजय बागदरे, सुहास नाफडे, सर्वमंगल तोमर, आशीष कोरान्ने, जयवंत किरकिरे, सुमित मुळे, रंगभूषा… पूजा दीक्षित, वेशभूषा…रश्मी बोरगावकर, मिताली गोखले, दीप्ति शिंदेकलाकार
पात्र परिचय– शरद पांडे… सतीश मुंगरे, सागर पांडे… उत्तम देशपांडे, सुलभा देशपांडे… सुषमा जोशी, अनघा टिपणीस… राशि वडनेरकर।

खुशगवार माहौल का दृश्य।
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