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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर
– फोटो : अमर उजाला
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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से सीआरपीएफ में पदस्थ निरीक्षक को राहत मिली है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने आवेदक से की जा रही वसूली पर अंतरिम रोक लगा दी है। एकलपीठ ने मामले में भारत सरकार के गृह मंत्रालय के सचिव, सीआरपीएफ के महानिदेशक, विशेष महानिर्देशक, अपर महानिर्देशक व पुलिस उप महानिरीक्षक, लेखा अधिकारी व पुलिस महानिरीक्षक को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
यह मामला सीआपीएफ में पदस्थ निरीक्षक कमलेश कुमार चौरसिया की ओर से दायर किया गया है। इसमें कहा गया कि ज्यादा भुगतान बताकर उनके खिलाफ तीन लाख तेइस हजार दो सौ पचास रुपये की रिकवरी निकाल दी गई। इसके लिए उन्हें कोई सुनवाई का अवसर भी नहीं दिया गया। आवेदक की ओर से कहा गया कि उसे भोपाल में पदस्थ रहने के दौरान अस्थाई अटैचमेंट में रायपुर (छग) छह महीने के लिए भेजा गया, जिस पर वह टीए-डीए प्राप्त करने का अधिकारी था, जिसका उसे भुगतान भी किया गया।
दूसरी बार उसे दोबारा अटैचमेंट में रायपुर भेजा गया, जिसका भी उसे टीए-डीए का भुगतान किया गया। इसके बाद अनावेदक सीआरपीएफ अधिकारियों ने दोनों अटैचमेंट में किए गए भुगतान को ज्यादा बताते हुए रिकवरी निकाल दी। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने रिकवरी पर रोक लगाते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता एडवोकेट सुशील त्रिपाठी ने पक्ष रखा।
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