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विक्रम विश्वविद्यालय के फार्मेसी अध्ययनशाला में बीफार्मा और डिप्लोमा पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश आवेदन की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित थी। इसके बाद भी 3 अगस्त तक आवेदन किए गए। गलती सामने के आने के बाद अब फार्मेसी विभाग ने सफाई देते हुए कहा है कि 31 जुला
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विक्रम विश्वविद्यालय में विभिन्न अध्ययनशालाओं के अंतर्गत प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में फार्मेसी अध्ययनशाला के अंतर्गत बीफार्मा, डीफार्मा और एमफार्मा पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश की प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन प्रवेश आवेदन मंगवाए गए थे। विभाग द्वारा आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की थी। इधर 31 जुलाई के बाद 3 अगस्त तक प्रवेश आवेदन होते रहे। कुछ विद्यार्थी ने बीफार्मा और डीफार्मा पाठ्यक्रम के लिए आवेदन किए थे। मामला सामने आने के बाद यह बात उठी थी कि अंतिम तिथि के बाद भी जिन लोगों ने आवेदन किए है, उन्हें मेरिट लिस्ट में शामिल कर पूर्व में आवेदन करने वाले विद्यार्थियों के साथ धोखा ना हो जाए। इसकेे बाद अब फार्मेसी विभाग के अध्यक्ष डॉ. कमलेश दशोरा ने सफाई देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय की गलती से लिंक खुली होने के कारण 3 अगस्त तक कुछ प्रवेश आवेदन भरे गए है। ऐसे में मेरिट सूची बनाने के दौरान 31 जुलाई तक प्राप्त आवेदनों से ही सूची बनाई जाएगी। विश्वविद्यालय की गलती के कारण लिंक खुली होने के कारण जिन विद्यार्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया है, यदि उनके द्वारा प्रवेश आवेदन शुल्क लौटाने के लिए आवेदन मिलता है तो विश्वविद्यालय प्रशासन को कार्यवाही के लिए आवेदन पहुंचा देंगे।
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