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मानसून की आहट के साथ ही बीमारियों का दौर शुरू हो जाता हैं, जिसमें डेंगू के अधिक मरीज अब सामने आ रहे हैं। धार सहित ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों तेज बारिश का अभाव हैं, जिसके कारण ही डेंगू के मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। डेंगू के केस अब अंचल के बाद
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वहींत अभी वायरल बुखार एवं उल्टी दस्त के साथ डेंगू का प्रकोप बढ़ने लगा है। इससे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के मरीज ज्यादा मिल रहे है, कुछ दिनों में डेंगू के 40 से अधिक केस सामने आ चुके हैं। जिसमें तिरला विकासखंड में सर्वाधिक 13 केस मिले है। इधर स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू से प्रभावित गांवों में जाकर लार्वा का सर्वे करते हुए फागिंग मशीन से धुआं कराया जा रहा है। साथ ही घरों के बाहर पानी से भरे टैंक को भी खाली करवाया जा रहा है।
बढ़ते मरीज
डेंगू के मरीज डेंगू साल दर साल अपना कहर बढ़ा ही रहा है, पिछले पांच सालों के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो 2018 में 12 मरीज डेंगू के मिले थे। 2019 में 42 केस, 2020 में 81 लोग डेंगू से प्रभावित हुए थे। वहीं 2021 में जुलाई-अगस्त में डेंगू का कहर देखने को मिला था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 312 डेंगू के केस रिकॉर्ड पर चढ़े थे, ये आंकड़े जो स्वास्थ विभाग द्वारा जारी हुए थे बल्कि हकीकत में यह आंकड़ा इससे कई ज्यादा था, आंकड़ों में धीरे धीरे कमी आने लगी 2022 में यह आंकड़ा 39 पर सीमित हुआ, 2023 में एक बार फिर डेंगू का कहर बढ़ता हुआ नजर आया 2023 में पूरे वर्ष में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 272 के पार पहुंच गया, अब 2024 में फिर डेंगू का डर सताने लगा है। अब तक 40 डेंगू पॉजिटिव सामने आ चुके है। सरदारपुर व तिरला हाटस्पाट बना हुआ है।
इन गांवों में मरीज
जिले में डेंगू के अब तक 39 से अधिक मरीज सामने आए है जिसमें तिरला विकासखंड में सबसे ज्यादा 13 मरीज मिले है तिरला में बगड़िया में 6, खरसोड़ा में 3, ओसरा में 2 ओर गोलपुरा चिकलिया में 1- 1 मरीज मिले है, इधर तिसगांव के खामला में 2 तोरनोद ओर धरावरा में 1- 1 मरीज मिले इसके अलावा सरदारपुर के केसरपुरा, चलनी अमझेरा और राजपुरा में 1- 1 केस मिले, बदनावर विकासखंड में 3 ओर उमरबन और नालछा विकासखंड में 1- 1 मरीज मिले है।बाकी जिले की अन्य जगहों से आए हैं।
मच्छरदानियां बांटी
पिछले सालों के केस देखकर हाई रिस्क जोन बनाकर चिह्नित किए गए और जिले भर में 5 लाख से अधिक मेडिकेटेड मच्छरदानियां बांट कर डेंगू और मलेरिया बीमारी से बचने के प्रयास विभाग द्वारा किए गए है। इसके अलावा अब विभाग केस मिलने वाले स्थानों में टीम भेजकर डेंगू से बचने के उपाय और दवाई वितरित करने में लगे है। इस बार देखा जा रहा है। हाथ पैर दर्द होने के साथ शरीर पर रेशे बन रहे हैं। इसमें समय पर उपचार लेने से डेंगू से कुछ दिनों में ठीक हो सकते हैं। वहीं अगर इसमें लापरवाही बरती गई तो डेंगू जान ले सकता है।
डॉ. जितेंद्र चौधरी सिविल सर्जन धार ने बताया कि अभी कुछ दिनों में डेंगू के मामले देखने को मिल रहे है। विभाग तो सर्तक है ही मगर लोगो को स्वयं भी सतर्क रहने की आवश्यकता हैं। क्योंकि घर के आसपास कहीं भी पानी जमा न होने दें। घर में रखे गमलों का पानी भी नियमित रूप से बदलते रहें। घर की छतों पर रुके हुए पानी को निकाले उससे भी डेंगू के मच्छर पनप सकते हैं। सर्दी जुकाम या बुखार आने पर तुरंत चिकित्सक को बताए।
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